Punjab: पांचवीं बार पंजाब दौरे पर जाएंगे गवर्नर,  पुरोहित बोले-मैं राजभवन में बैठने वाला राज्यपाल नहीं


Punjab Governor Banwarilal Purohit visit border areas of Punjab for fifth time

बनवारी लाल पुरोहित

विस्तार

पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित पांचवीं बार पंजाब के सीमावर्ती इलाकों का दौरा करेंगे। वे गांवों में जाकर लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि वे पंजाब के सभी जिले घूम चुके हैं, राजभवन में बैठने वाले राज्यपाल नहीं हैं।

प्रशासक ने कहा कि वह सात और आठ जून को पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जा रहे हैं। इस बार वह गांवों में भी जाएंगे और लोगों से बातचीत करेंगे। यह समझने की कोशिश करेंगे कि वहां पर क्या हालात है। प्रशासक ने कहा कि उनका यह पांचवां दौरा होगा।

पुरोहित ने कहा कि वे राजभवन में बैठने वाले राज्यपाल नहीं है। अब तक वे पंजाब के सभी जिले घूम चुके हैं। पुराने दौरों के बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार को कई सुझाव दिए थे। इन सुझावों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इन दौरों का कई लाभ मिलता है। केंद्रीय और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करती हैं। एक-दूसरे से बातचीत होती है। जिम्मेदारी तय होती है, जिसका असर सीमा पर नशे के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई के रूप में देखा भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा बेहद कड़ी हो चुकी है।

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मंत्री कटारूचक्क पर गंभीर आरोप, एक्शन जरूर लेंः राज्यपाल

पंजाब के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के अश्लील वीडियो मामले पर एक्शन में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि वह मीडिया के माध्यम से पंजाब के मुख्यमंत्री को एक बार फिर कहना चाहते हैं कि संबंधित मंत्री पर एक्शन जरूर लें। 

उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि भूलिए मत, जो आरोप उन पर लगे हैं वे काफी गंभीर हैं। बता दें कि मंत्री के खिलाफ अश्लील वीडियो के मामले का खुलासा कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैरा की ओर से किया गया था। उन्होंने ही पंजाब राज्यपाल को कार्रवाई के बारे में शिकायत दी है लेकिन इस पर कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने आरोपों का सीधे तौर पर खंडन करते हुए खैरा के खिलाफ मानहानि का केस करने की चेतावनी दी है।

शिक्षा पर सभी का अधिकारः पुरोहित

प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है। पंजाब यूनिवर्सिटी केंद्र सरकार की है, लेकिन वित्त की जिम्मेदारी चंडीगढ़ को दी गई है। तय हुआ था कि 60 फीसदी यूटी देगा। 20 फीसदी पंजाब और 20 फीसदी हरियाणा, लेकिन कई दशक पहले कोई मामला हो गया, जिसके बाद हरियाणा को महसूस हुआ कि उनका अपमान हुआ है इसलिए वे इससे बाहर हो गए। अब हरियाणा में कई कॉलेज खुल गए हैं। हरियाणा चाहता है कि उसके कॉलेजों को पीयू से मान्यता मिले। प्रशासक ने कहा कि उनके पास कई ज्ञापन आए, जिसके बाद उन्होंने सुझाव दिया है कि कोई नया फार्मूला अपनाने के बजाय पुराने तरीके को ही शुरू किया जाए। इससे पंजाब को फायदा ही है कि उन्हें कम पैसे देने होंगे और हरियाणा भी मदद कर सकेगा।

 

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