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Public Opinion: सब्सिडी तो बाद में मिलेगी पहले खाद तो मिले… फरीदाबाद के किसानों ने सरकारी दावों की खोली पोल, खाद किल्लत को लेकर बताई हकीकत Haryana News & Updates

Public Opinion: सब्सिडी तो बाद में मिलेगी पहले खाद तो मिले… फरीदाबाद के किसानों ने सरकारी दावों की खोली पोल, खाद किल्लत को लेकर बताई हकीकत Haryana News & Updates

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फरीदाबाद: देशभर के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रबी सीजन 2025-26 के लिए फॉस्फोरस और पोटाश (डीएपी और एनपीकेएस) उर्वरकों पर सब्सिडी को मंजूरी दी गई है.

सरकार ने करीब 38 हजार करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी देने का ऐलान किया है जिससे किसानों को सस्ती दरों पर खाद उपलब्ध कराने का दावा किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह फैसला उनकी आय बढ़ाने और खेती को किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

खाद नहीं मिल रहा

लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. Local18 से बात करते हुए फरीदाबाद के किसानों ने नाराजगी जाहिर की है. किसानों का कहना है कि सरकार सब्सिडी की घोषणा तो कर रही है, लेकिन उन्हें खाद मिल ही नहीं रही है. खेतों में बुवाई का समय निकलता जा रहा है और किसान लाइन में लगकर भी खाली हाथ लौट रहे हैं.

ब्लैक में मिल रहा है खाद

दयालपुर गांव के किसान बबलू हुड्डा बताते हैं मैं 25 साल से खेती कर रहा हूं. अब हालात ऐसे हैं कि नौजवान खेती से दूर जा रहे हैं. सरकार ने सब्सिडी की बात तो कर दी लेकिन हकीकत में खाद ब्लैक में बिक रही है. जब खाद लेने जाते हैं तो अधिकारी कहते हैं रेक नहीं लगा या खाद आया नहीं. कई बार तो किसानों पर लाठीचार्ज तक हो जाता है.

किसान धर्मवीर का कहना है इस बार मैंने 10 एकड़ में गेहूं की बुवाई बिना खाद के की है. डीएपी और यूरिया कुछ भी नहीं मिल रहा है. जब से बीजेपी सरकार आई है तब से किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

पदम सिंह, जो गेहूं की खेती कर रहे हैं, बताते हैं डीएपी का सरकारी रेट 1350 रूपये है, लेकिन ब्लैक में 1650 रूपये  में बिक रहा है. खाद लेने जाओ तो बोलते हैं नहीं है और बाद में कहते हैं 1650 रूपये दो तो दे देंगे. हमें सब्सिडी नहीं चाहिए हमें तो खाद चाहिए वो भी समय पर और सही रेट में.

रजिस्ट्रेशन कराने में हैं कई दिक्कतें

दयालपुर के दीपक ने बताया मेरे पास 5 से 6 एकड़ जमीन है. रजिस्ट्रेशन ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पर करवाना जरूरी है, तभी खाद मिलेगी. लेकिन रजिस्ट्रेशन में इतनी दिक्कतें हैं कि किसान चक्कर काटते रह जाते हैं. और फिर भी खाद 250 रूपये महंगी ही मिलती है.

अंकुर, जो 11 एकड़ में आलू की फसल की बुवाई कर रहे हैं ने बताया रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी हमें डीएपी ब्लैक में 1650 रूपये में खरीदनी पड़ रही है. सरकारी रेट पर खाद मिल ही नहीं रही है. इस बार तो बहुत परेशानी हो रही है.

सरकारी रेट पर खाद मिल ही नहीं रही

वहीं 65 साल के बुजुर्ग किसान सुरेंद्र सिंह कहते हैं मैं मोहना मंडी गया था खाद लेने वहां 2000 रूपये का रेट बताया गया. 100 बीघे की खेती है, पर डीएपी नहीं मिल रही. लाइन में लगकर आते हैं, फिर भी खाली हाथ लौटते हैं. सरकार सब्सिडी की बात करती है, लेकिन यहां तो खाद ही नहीं है. ब्लैक में 1650 से लेकर 2000 तक बिक रही है.

कुल मिलाकर. सरकार ने सब्सिडी की घोषणा कर भले ही किसानों को राहत देने की बात कही हो लेकिन फरीदाबाद के किसान कह रहे हैं…हमें सब्सिडी नहीं खाद चाहिए वो भी समय पर और सही दाम.

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