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पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने के बाद पत्रकारवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, सांसद मालविंदर सिंह कंग और हरमीत सिंह मीत हेयर।
आम आदमी पार्टी का शिष्टमंडल पंजाब यूनिवर्सिटी सेनेट-सिंडिकेट के मामले को लेकर पंजाब गवर्नर से मिला है।
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जिसमें कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, सांसद मालविंदर कंग, सांसद हरमीत सिंह मीत हेयर, विधायक दलविंदर सिंह लाडी ढोंस, गोल्डी कंबोज, सेनेट सदस्य रहे आईपी सिंह, रविंदर पाल सिंह, स्टूडेंट नेता वतनवीर सिंह आदि मौजूद थे।
इस दौरान नेताओं ने बताया कि राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को बताया गया है कि सेनेट- सिंडिकेट को भंग करने का संविधानिक हक केंद्र के पास नहीं है। यह सेनेट और सिंडिकेट पंजाब विधान सभा में पारित हुए एक्ट के बाद बनाया गया था, इस लिए केंद्र सरकार का कोई भी विभाग इसे रद्द नहीं कर सकता है और न ही इसमें बदलाव कर सकता है। उनकी तरफ से यह भी बताया गया है कि उन्होंने मांग उठाई है कि यह नोटिफिकेशन ही रद्द नहीं होना चाहिए बल्कि सेनेट के लंबित पड़े चुनाव की तारीख का भी ऐलान होना चाहिए।
राज भवन के बाहर पत्रकारवार्ता के दौरान जानकारी देते कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा।
पढ़ें राज्यपाल से मिलने के बाद क्या बोले हरपाल चीमा….
- हरपाल चीमा ने बताया कि सेनेट और सिंडिकेट के डेमोक्रेटिक सेटअप को तोड़ा है, इससे पंजाब यूनिवर्सिटी ही प्रभावित नहीं हुई, बल्कि 200 कालेज प्रभावित हुए हैं, पंजाब के लाखों स्टूडेंट प्रभावित हुए हैं।
- 60 साल पुराना डेमोक्रेटिक सेटअप बना हुआ था, केंद्र ने इस मंशा से बरबाद किया है कि ताकि यूनिवर्सिटी के साथ साथ पंजाब के कालेजों में अपना सेलेब्स लागू कर सकें। इसके अलावा अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को अपनी कमांड के नीचे लेने का प्रयास किया गया है।
- केंद्र सरकार ने पहले इस नोटिफिकेशन को रद्द करने का नोटीफिकेशन रद्द कर दिया और बाद में एक और नोटिफिकेशन जारी कर इसे पेंडिंग कर दिया गया। इससे साफ है कि पंजाब और पंजाबियत को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है।
- पहले भाखडा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड पर कब्जा करने का प्रयास किया और अब यूनिवर्सिटी को हाथ पाया गया है। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, हम 200 कालेजों के प्रिंसिपल, स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी में संघर्ष को आगे लेकर जाएंगे।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मालविंदर सिंह कंग
सांसद मालविंदर कंग ने बताया कि….
- हमने पंजाब राज्यपाल को बताया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी सेनेट और सिंडिकेट 1947 पंजाब विधान सभा में पास हुए एक्ट के बाद बना है। इस कारण केंद्र सरकार की शिक्षा विभाग इसे रद्द नहीं कर सकती और बदल नहीं सकती है।
- केंद्र सरकार ने गैर संविधानिक तरीका अपनाया है, इस पर विरोध जाहिर किया गया है। हमने कहा है कि यूनिवर्सिटी में लोकतांत्रिक ढांचे के लिए प्रयास करने की बात रखी है।

राज भवन के बाहर पत्रकारवार्ता के दौरान बातचीत करते हुए सांसद हरमीत सिंह मीत हेयर।
सांसद हरमीत सिंह मीत हेयर ने यह उठाई मांग…..
- सांसद हरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारे लिए शिक्षा संस्थान नहीं बल्कि इसके साथ हमारी सांझ दशकों से है।
- भारत व पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हमारे ही गांवों की जमीन में यह यूनिवर्सिटी बनी है। यही नहीं इससे पहले यूनिवर्सिटी का नाम बदलने, हरियाणा को हिस्सा बनाने के साथ इसका केंद्रीकरण करने का प्रयास हुआ है।
- हमने यह भी मांग उठाई है कि सेनेट के सदस्यों का चुनाव करने के लिए तारीख का ऐलान भी जल्द होना चाहिए।
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PU सेनेट-सिंडिकेट मामले को लेकर गवर्नर से मिले आप नेता: बोले सेनेट-सिंडिकेट को भंग करना गैर सांविधानिक, कालेजों में अपना सिलेबस लागू करना चाहती है केंद्र सरकार – Chandigarh News

