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चने की फसल – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
शातिर ठगों ने अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सेंध लगा दी है। ठगाें ने नकली दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीन पर अपने नाम से बीमा करा लिया है। गांव किरतान के 22 लोगों ने इस बारे में डीसी को शपथ पत्र देकर जांच की मांग की है। इधर, कृषि विभाग ने शिकायत मिलने के बाद बीमा कंपनी को पत्र लिखकर फर्जी तरीके से बीमा कराने वालों का ब्योरा मांगा है। अधिकारियों ने इस बारे में मुख्यालय को भी अवगत कराया है।
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जानकारी के अनुसार गांव किरतान निवासी किसान सूरजभान को फसल बीमा कंपनी से जुड़े कर्मचारी ने फोन कर कहा कि आपकी फसल चने का बीमा किया गया है। इस पर किसान सूरजभान ने बताया कि उसने कोई बीमा नहीं कराया है। इस तरह के कॉल आने पर किसानों को शक हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर जांच की। इसमें पता चला कि गांव में 200 एकड़ से अधिक जमीन पर लोगों ने चने की फसल का फर्जी तरीके से बीमा करवा रखा है।
जिन्होंने कभी नहीं कराया बीमा, उनके दस्तावेज के नाम
फर्जी बीमा कराने के लिए ठगों ने उन लोगों को चिन्हित किया है जिन्होंने कभी बीमा नहीं कराया है और न कभी क्रेडिट कार्ड बनवाया है। ऐसे में कृषि विभाग के इन किसानों का मोबाइल नंबर जमीन के रिकॉर्ड के साथ अटैच नहीं हैं। फर्जी बीमा कराने वाले गिरोह ने ऐसे लोगों का रिकॉर्ड जुटाकर उन्हें निशाना बनाया है। गांव किरतान के 22 लोगों ने कृषि विभाग के उपनिदेशक तथा डीसी को पत्र देकर इस मामले की जांच की मांग की है। किसानों ने बताया कि ठगों के गिरोह ने जिस जमीन पर चने का बीमा कराया है वहां मौके पर गेहूं व सरसों की फसल है।
चने का बीमा कराना साजिश
चने का बीमा कराना साजिश है। अगर गांव में फसल में खराबा नहीं हुआ तो भी इनको बीमा मिलेगा। बीमा योजना के अनुसार अगर पूरे एरिया में फसल औसत से कम रहती है तो किसानों को बीमा कंपनी मुआवजा देती है। हरियाणा में चने की पैदावार कम ही होती है। ऐसे में ठगों को बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा मिलने की पूरी संभावना रहती है। पिछले वर्ष भिवानी जिले में फर्जी तरीके से फसल बीमा कराने तथा भावांतर भरपाई योजना में रकम हड़पने के मामले आए थे।
किसानों की प्रतिक्रिया
मैं अपनी जमीन पर खुद खेती करता हूं। कभी बीमा नहीं कराया। न कभी किसान क्रेडिट कार्ड लिया। गांव के लोगों से ही मुझे पता लगा कि मेरी जमीन पर किसी ने फसल बीमा करा लिया है। हमने डीसी को शिकायत दी है। इसकी जांच होनी चाहिए। – भूरूराम, गांव किसान।
किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से बीमा कराने वाला गिरोह सक्रिय है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। फर्जी कराने वाले लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो मामले को सीएम तक लेकर जाएंगे। – धर्मबीर, किसान।
यह गिरोह बीमा कंपनी या कृषि विभाग के लोगों की मदद से ऐसे किसानों की जमीन चिन्हित कर रहा है जो बीमा नहीं कराते। ऐसे में उन किसानों के मोबाइल पर कोई मैसेज नहीं आता। यह लोग फर्जी मोबाइल नंबर पर ओटीपी लेकर बीमा कराते हैं। लीज को लेकर किसान के नाम का शपथपत्र भी फर्जी बनाते हैं। – सूरजभान, किसान।
अधिकारी के अनुसार
हमने बीमा कंपनियों से रिकॉर्ड की मांग की है। इस बारे में कंपनी को पत्र लिख दिया गया है। जिन लोगों ने फ्रॉड किया है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बारे में कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। -डॉ. राजबीर सिंह, उप निदेशक, कृषि विभाग, हिसार।
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: ठगों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर कराया फसल बीमा, हिसार के किसान बोले…