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प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले में मामले में किसान विधानसभा स्पीकर से मिले।
तीन साल पहले 5 जनवरी 2022 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में चूक हुई थी। इस मामले में अब किसानों पर धारा 307 लगा दी गई है। इसके चलते किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने अब पंजाब विधानसभा के
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21 फरवरी को तीनों बॉर्डरों पर श्रद्वाजंलि समारोह
किसानों द्वारा 22 फरवरी को केंद्र सरकार से होने वाली छठे राउंड की मीटिंग से पहले 21 फरवरी को किसान आंदोलन में मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह की बरसी मनाने का फैसला लिया है। इस दौरान शुभकरण के गांव बल्लोह बठिंडा में समागम होगा। इसके अलावा शंभू-खनौरी और रतनपुर बॉर्डर पर भी उस दिन समागम होंगे। इसमें सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं, बठिंडा में होने वाली प्रोग्राम को लेकर किसानों ने मीटिंग कर स्ट्रेटजी बनाई है। 19 फरवरी को हरियाणा के सिरसा से एक पैदल पत्र यात्रा शुरू की जाएगी, जो कि 21 फरवरी को बठिंडा में जाकर संपन्न होगी।
किसान विधानससभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां से मुलाकात करते हुए।
जनवरी में किसानों काे लगा पता
दरअसल फिरोजपुर कोर्ट ने जनवरी माह में फिरोजपुर के 25 किसानों का पीएम की सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ दी गई है।
इसका पता तब चला, जब किसानों को इस बारे में समन जारी किए गए। जिससे खुलासा हुआ कि 5 जनवरी 2022 के 3 साल पुराने सुरक्षा चूक मामले में पुलिस ने अब IPC की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी भी जोड़ दी है। पहले इस में केस सार्वजनिक रास्ता रोकने के मामले में धारा 283 के तहत दर्ज हुआ था। 22 जनवरी को किसानों को अदालत में तलब किया गया था।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में 6 जनवरी 2022 को पहले आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जो जमानती अपराध है। हालांकि, कमजोर एफआईआर पर भाजपा नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अधिकारियों की तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था।
जांच के आधार पर अब एफआईआर में और भी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-बी शामिल हैं
ऐसे हुई थी सुरक्षा में चूक
सुरक्षा चूक के दिन प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करना था। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए हुसैनीवाला स्मारक भी जाना था। पहले उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया।
मगर, रास्ते में किसानों ने जाम लगा दिया। जिसके बाद PM का काफिला करीब 20 मिनट फिरोजपुर के प्यारेआना फ्लाईओवर पर रुका रहा। जिसके बाद पीएम वापस लौट आए और दिल्ली चले गए। बठिंडा लौटकर मोदी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- ”अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, किसान कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो रहे थे, जिसके चलते 22 जनवरी को कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस मामले में SP (डिटेक्टिव) रणधीर कुमार ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है।
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सात अधिकारियों को किया था संस्पेंड
SP समेत 7 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी पंजाब सरकार पंजाब में कांग्रेस की जगह AAP की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के SP थे।
उनकी डयूटी घटना के समय एमरजेंसी के लिए रिजर्व रखी गई पुलिस टीम के प्रमुख की थी। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में DSP प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, SI जसवंत सिंह और ASI रमेश कुमार शामिल थे। 5 जनवरी 2022 को PM मोदी के दौरे के दौरान ये सभी फिरोजपुर में तैनात थे
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PM सुरक्षा चूक मामले में स्पीकर से मिले किसान: बोले- झूठा केस दर्ज किया गया, 21 फरवरी को 3 बॉर्डरों पर श्रद्वाजंंलि समारोह – Punjab News