PGIMER चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने किया इलाज।
चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में एक युवक का चार घंटे लंबा ऑपरेशन किया गया, जिसमें उसके पेट से 50 वस्तुएं निकाली गई। युवक ने चाकू, लोहे की कीलें, कम्प्रेशन स्प्रिंग, बोल्ट और नट सहित कई वस्तुएं निगल
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पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. जयंत सामंत ने बताया, “यह मरीज हमें मनोचिकित्सा विभाग से रेफर किया गया था। पेट दर्द की शिकायत के बाद की गई एक्स-रे जांच में इन विदेशी वस्तुओं का पता चला। हमने पहले कभी किसी के पेट में इतनी बड़ी संख्या में धातु की वस्तुएं नहीं देखी थीं।”
यह केस इसलिए भी असाधारण था क्योंकि युवक ने इन वस्तुओं को कई महीनों के दौरान निगला था। डॉक्टरों ने एंडोस्कोपिक तकनीक का इस्तेमाल कर बिना पेट का ऑपरेशन किए सभी वस्तुएं सुरक्षित निकाल लीं। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इन नुकीली वस्तुओं से पेट या भोजन नली को कोई क्षति न हो।
मनोचिकित्सकीय समस्या के कारण निगली गई वस्तुएं मरीज को सिजोफ्रेनिया था, जो उसे इस प्रकार के असामान्य व्यवहार के लिए प्रेरित कर रहा था। डॉ. संदीप ग्रोवर, पीजीआई के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर, ने बताया कि सिजोफ्रेनिया के मरीजों में श्रवण संबंधी भ्रम हो सकते हैं, जो उन्हें खतरनाक कार्यों की ओर धकेलते हैं। युवक को पहले शिमला के IGMC अस्पताल से रेफर किया गया था, और उसका इलाज चल रहा है।
PGIMER ने युवक के पेट से निकाली 50 वस्तुएं: बिना ऑपरेशन कर बाहर निकला; एक्स-रे से पता चला था – Chandigarh News