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रोहतक. हरियाणा के के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रोहतक पीजीआई (Rohtak PGI) में मरीजों को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है. यहां पर तकरीबन 1200 नर्सिंग ऑफिसर शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं और इस कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई. हालांकि, एक दिन पहले ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता के साथ इनकी मीटिंग भी हुई, लेकिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने के कारण इन्होंने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया.
दरअसल, रोहतक पीजीआई प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान होने के कारण यहां पर प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. रोजाना तकरीबन सात-आठ हजार के आसपास मरीज तो यहां पर ओपीडी में आते हैं. इसके अलावा दो-तीन हजार मरीजों को इमरजेंसी सेवाओं की जरूरत होती है. सामूहिक अवकाश पर गए नर्सिंग ऑफिसर्स की मांग है कि उनका नर्सिंग अलाउंस जो सातवें वेतन आयोग के मुताबिक 7200 रुपये है, जबकि महज 1200 रुपये दिए जा रहे हैं. वे चाहते हैं कि केंद्र की तर्ज पर उन्हें नर्सिंग अलाउंस दिया जाए.
नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान विकास फोगाट और अतिरिक्त उप-प्रधान सुमित्रा देवी ने कहा कि उनकी मांगें काफी पुरानी हैं और कई बार सरकार की तरफ से आश्वासन मिल चुका है, लेकिन अभी तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. सामूहिक अवकाश पर जाने से पहले बाकायदा सरकार और मेडिकल प्रबंधन को इसके बारे में सूचित किया गया था, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला. अब मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है और वह सरकार को चेतावनी देते हैं कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वह अनिश्चितकाल के लिए भी हड़ताल पर जा सकते हैं.
उधर, नर्सिंग अलाउंस के अलावा नर्सिंग ऑफिसर्स की अन्य मांगे भी हैं, जिनमें मुख्य तौर पर चाइल्ड केयर लीव है, जोकि जरूरत के समय पर नहीं मिलती, उसका सरलीकरण किया जाए. नर्सिंग ऑफिसर्स को ग्रुप-सी से ग्रुप-बी में शामिल किया जाए. फिलहाल, अस्पताल आ रहे मरीज परेशान हो रहे हैं.
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