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Petrol-Diesel Rates: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल इस समय अपने ऊपरी लेवल से काफी नीचे ट्रेड कर रहा है. डब्ल्यूटीआई (वैस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट) क्रूड इस समय 68 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे है और बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल के रेट भी 71 डॉलर तक आ गिरे हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस समय जियो-पॉलिटिकल तनाव से स्थितियां अस्थिर दिख रही हैं और इसमें सीरिया का ताजा तनाव आग में और घी डाल डालने वाला हो सकता है जिसका असर कच्चे तेल पर होगा.
क्या हैं ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के दाम
डब्ल्यूटीआई क्रूड के दाम इस समय 67.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुके हैं और इसमें 1.10 डॉलर या 1.61 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. इसके दामों पर मौजूदा ग्लोबल संकट का असर देखा जा रहा है. सीरिया में जारी संकट के बाद कच्चे तेल के निवेशक इस समय कॉशियस यानी सतर्क अप्रोच अपना रहे हैं. कच्चा तेल इस समय जोरदार उछाल के दायरे वाले समय से बाहर आ गया है और गिरावट के समय में चल रहा है.
बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड-नैचुरल गैस के रेट पर क्या असर
बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड के दाम भी 72 डॉलर से नीचे आ चुका है और इसमें करीब 1 डॉलर की गिरावट देखी जा रही है और ये 1.35 फीसदी फिसला भी है. 71.12 डॉलर प्रति बैरल पर ब्रेंट क्रूड का दाम चल रहा है. इस समय नैचुरल गैस के दाम में भी मामूली गिरावट देखी जा रही है और ये 3.076 डॉलर के रेट पर चल रही है.
भारत में क्यों बंधी कच्चे तेल के सस्ता होने की आस
भारत में इस समय कच्चा तेल सस्ता होने की आस इसलिए जागी है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम भी गिरे हैं और भारत रूस से कच्चा तेल भी कम दामों पर खरीदता आ रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में दोहा फोरम में रूस-यूक्रेन जंग को लेकर भारत का पक्ष रखने के साथ कच्चे तेल की खरीदारी पर सवाल उठाए जाने पर करारा जवाब दिया कि क्या किसी देश के पास इससे बेहतर कोई डील है तो वो बताएं…
भारत के लिए अतंर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने की उम्मीद इसीलिए बंधी है क्योंकि ब्रेंट और डबल्यूटीआई क्रूड दोनों सस्ते हुए हैं जो कि भारत में वाहन ईंधन यानी पेट्रोल और डीजल के लिए कच्चे माल के रुप में इस्तेमाल होता है.
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