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Paschimottanasana: पश्चिमोत्तानासन बना संजीवनी, साइटिका और लिवर के मरीजों को मिल रहा फायदा Health Updates

Paschimottanasana: पश्चिमोत्तानासन बना संजीवनी, साइटिका और लिवर के मरीजों को मिल रहा फायदा Health Updates

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Paschimottanasana: योग केवल शरीर को फिट रखने की कसरत नहीं है, बल्कि यह अपने भीतर झांकने, खुद को समझने और मानसिक शांति पाने का एक गहरा साधन है. जब हम रोजाना थोड़ी देर योग करते हैं, तो न केवल तनाव घटता है बल्कि शरीर और मन – दोनों में ताजगी और ऊर्जा का संचार होता है.
इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे हैं एक विशेष आसन पश्चिमोत्तानासन की, जो अनेक शारीरिक और मानसिक फायदा प्रदान करता है.

पाचन से लेकर चर्बी तक, एक आसन से कई फायदे

पश्चिमोत्तानासन करते समय पीठ और पैरों को गहरा खिंचाव मिलता है, जिससे शरीर में जमे तनाव और जकड़न में राहत मिलती है. यह आसन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और पेट की चर्बी को कम करने में सहायक होता है. नियमित योग से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

बुजुर्गों और डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान

आयुष मंत्रालय की एक नए इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया गया कि यह आसन बुजुर्गों के लिए बेहद फायदेमंद है. यह साइटिका की आशंका को कम करता है और कब्ज, मोटापा, अपच व त्वचा रोगों से राहत दिलाता है. इसके अलावा, यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

महिलाओं को हार्मोनल संतुलन में भी मदद

पश्चिमोत्तानासन मासिक धर्म से जुड़ी कई परेशानियों में राहत दिलाने में काफी मददगार होता है. यह पेट के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है. साथ ही यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी सहायक है, जिससे अनियमित माहवारी, अत्यधिक रक्तस्राव और थकान जैसी दिक्कतों में सुधार होता है.

मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार

यह आसन केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है. यह चिंता और तनाव को कम करता है, जिससे व्यक्ति ज्यादा शांत, केंद्रित और सकारात्मक महसूस करता है. मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह एक प्रभावी योगाभ्यास है.

जानिए सही तरीका और सावधानियां

इस आसन को करते समय जल्दबाजी न करें. शुरुआत में शरीर पर अधिक दबाव न डालें. इसे करने के लिए जमीन पर सीधे बैठें, दोनों पैर सामने फैलाएं और गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें. हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें और सिर को घुटनों से मिलाएं. कुछ समय इस स्थिति में रुकें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौटें.

हालांकि, जिन लोगों को पेट में अल्सर जैसी समस्या है, उन्हें यह आसन करने से बचना चाहिए और पहले योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

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