Panipat: समय सीमा खत्म, कोयला संचालित उद्योग होंगे ठप, सात लाख लोगों के रोजगार पर संकट


सांकेतिक तस्वीर

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– फोटो : अमर उजाला

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औद्योगिक नगरी पानीपत के सात लाख लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। कारण कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोयला संचालित उद्योगों को एक अक्तूबर से बंद करने का नोटिस दिया गया है। साथ ही उद्योगों को पीएनजी से संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

दूसरी ओर उद्यमी पीएनजी पर उद्योगों को संचालित करने में बेबस नजर आ रहे हैं। इस संबंध में शुक्रवार को उद्यमियों ने आपात बैठक कर सरकार से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है और समस्या का समाधान नहीं होने पर संसद भवन और विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है। 

एनजीटी की ओर से गठित कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के आदेशों पर शुक्रवार से टेक्सटाइल नगरी के उन 500 डाइंग यूनिटों और 100 कंबल प्लांटों को बंद करने की तैयारी है, जो कोयले से चल रहे हैं। अगर डाइंग यूनिटें बंद हुई तो धागा, केमिकल, बेडसीट, तौलिया, कंबल, पैकेजिंग समेत तमाम उद्योग बंद हो जाएंगे।

उद्योगों पर ताला लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें शुक्रवार से फील्ड में उतरने को तैयार हैं। इससे उद्यमी भी भयभीत हैं। इसे लेकर डायर्स ने शुक्रवार को सेक्टर-29 पार्ट टू में अध्यक्ष भीम राणा के कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। उद्यमियों ने सरकार से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

उद्यमियों ने बैठक में ये फैसला लिया है कि अगर उनके उद्योगों को बंद किया गया तो पूरे एनसीआर के लाखों उद्यमी व श्रमिक पानीपत में एकत्रित होंगे और सड़कों पर उतरेंगे। इसके बाद संसद भवन और विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत की इंडस्ट्रियल एसोसिएशन एक दूसरे से संपर्क में हैं।

इस बार जिला स्तर पर नहीं बल्किप्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उनकी मांग है कि उन्हें पीएनजी व बायोमॉस पर बॉयलर को स्थापित करने के लिए दो साल तक का वक्त दिया जाए। अगर उद्योग बंद हुए तो पूरे विश्व में देश की साख गिरेगी। उनको भविष्य में ऑर्डर नहीं मिलेंगे। इसका फायदा चीन, पाकिस्तान व बांग्लादेश जैसे देशों को होगा। 

यह भी पढ़ें : ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान: अब बॉयलर पर नहीं चलेंगी फैक्टरियां, प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जारी किए आदेश

बड़ी समस्या, पीएनजी के बर्नर तक नहीं, कैसे हों उद्योग शिफ्ट 
उद्यमियों ने मीटिंग में कहा कि एक्यूसीएम उन पर बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने का दबाव बना रहा है। उन्हें पीएनजी के बॉयलर चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। पीएनजी के बर्नर उपलब्ध नहीं है। भारत में बर्नर बहुत कम बनते हैं। ऐसे में कंपनी बर्नरों की पूर्ति नहीं कर पा रही है। दो-दो साल की बर्नर की वेटिंग चल रही है, इसलिए उन्हें बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने के लिए दो साल का वक्त चाहिए। 
 
पर्यावरण मंत्री, एनजीटी व एक्यूयीएम के चेयरमैन से भी राहत नहीं
पिछले 15 दिन में पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, डायर्स एसोसिएशन व एक्सपोर्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी राहत के लिए पर्यावरण मंत्री, एनजीटी व एक्यूसीएम के चेयरमैन से मिल चुके हैं। उद्यमियों ने बॉयलर को पीएनजी पर  शिफ्ट करने के लिए दो साल का वक्त मांगा लेकिन पर्यावरण मंत्री व दोनों चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर किसी भी प्रकार की राहत से इंकार कर दिया। 

इस बार लाखों उद्यमी व श्रमिक उतरेंगे सड़कों पर : राणा 
उद्योगों को टारगेट किया जा रहा है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्थाएं कार्यालयों में बैठकर कोई भी ऑर्डर पास कर देती हैं। पानीपत में ऐसे स्ट्रक्चर नहीं हैं कि इतनी जल्दी बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट कर दिया जाए। आज से उनको उद्योग बंद करने पड़ रहे हैं। इससे सात लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इस बार सिर्फ पानीपत नहीं पूरे एनसीआर के उद्यमी व श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे। संसद भवन व विधानसभा का घेराव किया जाएगा। – भीम राणा, अध्यक्ष डायर्स एसोसिएशन 

उद्यमी 90 सोलेड पार्टिकल मैनेजमेंट करने को तैयार, सरकार बताएं कैसे होगा :  इंजीनियर 
कमीशन ने तीन टन के बॉयलर को 800 एसपीएम से 80 एसपीएम यानी सोलेड पार्टिकल मैनेजमेंट पर करने का आदेश दिया है। उद्यमी भी करने को तैयार हैं, लेकिन ये होगा कैसे, इसका उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उद्यमी कई माह से ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनसे नहीं हो रहा है। सरकार को पहले पीएनजी पर बॉयलर को शिफ्ट करने के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए। बेहतर इंजीनियर देने चाहिए। बर्नर उपलब्ध कराने चाहिए। इसके बाद ही आदेश लागू करने चाहिए। – राजबीर, इंजीनियर बॉयलर

उद्यमियों को पीएनजी पर बॉयलर शिफ्ट करने के लिए कई बार दिया जा चुका नोटिस : आरओ
तीन दिसंबर 2021 को प्रदूषण बोर्ड ने जो उद्यमियों को नोटिस दिया उसमें साफ तौर पर कहा गया कि पर्यावरण को देखते हुए कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निर्देशानुसार 30 सितंबर के बाद कोयला संचालित उद्योग बंद होंगे। एनसीआर में बॉयलरों को पीएनजी व बायोमास पर शिफ्ट करना होगा। चार फरवरी 2022 को दोबारा नोटिस दिए गए। अखबार में सार्वजनिक रूप से सूचना भी जारी की गई। ऐसे में जिन उद्यमियों ने इस पर अमल नहीं किया, उस पर कार्रवाई की जाएगी। -कमलजीत सिंह, रीजनल ऑफिसर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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औद्योगिक नगरी पानीपत के सात लाख लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। कारण कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोयला संचालित उद्योगों को एक अक्तूबर से बंद करने का नोटिस दिया गया है। साथ ही उद्योगों को पीएनजी से संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

दूसरी ओर उद्यमी पीएनजी पर उद्योगों को संचालित करने में बेबस नजर आ रहे हैं। इस संबंध में शुक्रवार को उद्यमियों ने आपात बैठक कर सरकार से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है और समस्या का समाधान नहीं होने पर संसद भवन और विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है। 

एनजीटी की ओर से गठित कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के आदेशों पर शुक्रवार से टेक्सटाइल नगरी के उन 500 डाइंग यूनिटों और 100 कंबल प्लांटों को बंद करने की तैयारी है, जो कोयले से चल रहे हैं। अगर डाइंग यूनिटें बंद हुई तो धागा, केमिकल, बेडसीट, तौलिया, कंबल, पैकेजिंग समेत तमाम उद्योग बंद हो जाएंगे।

उद्योगों पर ताला लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें शुक्रवार से फील्ड में उतरने को तैयार हैं। इससे उद्यमी भी भयभीत हैं। इसे लेकर डायर्स ने शुक्रवार को सेक्टर-29 पार्ट टू में अध्यक्ष भीम राणा के कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। उद्यमियों ने सरकार से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

उद्यमियों ने बैठक में ये फैसला लिया है कि अगर उनके उद्योगों को बंद किया गया तो पूरे एनसीआर के लाखों उद्यमी व श्रमिक पानीपत में एकत्रित होंगे और सड़कों पर उतरेंगे। इसके बाद संसद भवन और विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत की इंडस्ट्रियल एसोसिएशन एक दूसरे से संपर्क में हैं।

इस बार जिला स्तर पर नहीं बल्किप्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उनकी मांग है कि उन्हें पीएनजी व बायोमॉस पर बॉयलर को स्थापित करने के लिए दो साल तक का वक्त दिया जाए। अगर उद्योग बंद हुए तो पूरे विश्व में देश की साख गिरेगी। उनको भविष्य में ऑर्डर नहीं मिलेंगे। इसका फायदा चीन, पाकिस्तान व बांग्लादेश जैसे देशों को होगा। 

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बड़ी समस्या, पीएनजी के बर्नर तक नहीं, कैसे हों उद्योग शिफ्ट 

उद्यमियों ने मीटिंग में कहा कि एक्यूसीएम उन पर बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने का दबाव बना रहा है। उन्हें पीएनजी के बॉयलर चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। पीएनजी के बर्नर उपलब्ध नहीं है। भारत में बर्नर बहुत कम बनते हैं। ऐसे में कंपनी बर्नरों की पूर्ति नहीं कर पा रही है। दो-दो साल की बर्नर की वेटिंग चल रही है, इसलिए उन्हें बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट करने के लिए दो साल का वक्त चाहिए। 

 

पर्यावरण मंत्री, एनजीटी व एक्यूयीएम के चेयरमैन से भी राहत नहीं

पिछले 15 दिन में पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, डायर्स एसोसिएशन व एक्सपोर्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी राहत के लिए पर्यावरण मंत्री, एनजीटी व एक्यूसीएम के चेयरमैन से मिल चुके हैं। उद्यमियों ने बॉयलर को पीएनजी पर  शिफ्ट करने के लिए दो साल का वक्त मांगा लेकिन पर्यावरण मंत्री व दोनों चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर किसी भी प्रकार की राहत से इंकार कर दिया। 

इस बार लाखों उद्यमी व श्रमिक उतरेंगे सड़कों पर : राणा 

उद्योगों को टारगेट किया जा रहा है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्थाएं कार्यालयों में बैठकर कोई भी ऑर्डर पास कर देती हैं। पानीपत में ऐसे स्ट्रक्चर नहीं हैं कि इतनी जल्दी बॉयलर को पीएनजी पर शिफ्ट कर दिया जाए। आज से उनको उद्योग बंद करने पड़ रहे हैं। इससे सात लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इस बार सिर्फ पानीपत नहीं पूरे एनसीआर के उद्यमी व श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे। संसद भवन व विधानसभा का घेराव किया जाएगा। – भीम राणा, अध्यक्ष डायर्स एसोसिएशन 

उद्यमी 90 सोलेड पार्टिकल मैनेजमेंट करने को तैयार, सरकार बताएं कैसे होगा :  इंजीनियर 

कमीशन ने तीन टन के बॉयलर को 800 एसपीएम से 80 एसपीएम यानी सोलेड पार्टिकल मैनेजमेंट पर करने का आदेश दिया है। उद्यमी भी करने को तैयार हैं, लेकिन ये होगा कैसे, इसका उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उद्यमी कई माह से ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनसे नहीं हो रहा है। सरकार को पहले पीएनजी पर बॉयलर को शिफ्ट करने के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए। बेहतर इंजीनियर देने चाहिए। बर्नर उपलब्ध कराने चाहिए। इसके बाद ही आदेश लागू करने चाहिए। – राजबीर, इंजीनियर बॉयलर

उद्यमियों को पीएनजी पर बॉयलर शिफ्ट करने के लिए कई बार दिया जा चुका नोटिस : आरओ

तीन दिसंबर 2021 को प्रदूषण बोर्ड ने जो उद्यमियों को नोटिस दिया उसमें साफ तौर पर कहा गया कि पर्यावरण को देखते हुए कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निर्देशानुसार 30 सितंबर के बाद कोयला संचालित उद्योग बंद होंगे। एनसीआर में बॉयलरों को पीएनजी व बायोमास पर शिफ्ट करना होगा। चार फरवरी 2022 को दोबारा नोटिस दिए गए। अखबार में सार्वजनिक रूप से सूचना भी जारी की गई। ऐसे में जिन उद्यमियों ने इस पर अमल नहीं किया, उस पर कार्रवाई की जाएगी। -कमलजीत सिंह, रीजनल ऑफिसर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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