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कश्मीर के पहलगाम के आतंकी हमले में गोली लगने से करनाल के नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत हो गई है। परिवार के अनुसार, शादी के बाद विनय और हिमांशी ने हनीमून के लिए यूरोप जाने का मन बनाया था। इसके लिए वे शादी से पहले ही तैयारी कर रहे थे। लेकिन वीजा नहीं मिलने के कारण उनका यह प्लान रद हो गया। इसके बाद वे कश्मीर घूमने गए। जहां पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने उनके समेत अन्य टूरिस्ट की भी गोली मारकर हत्या कर दी।
‘वीजा मिल जाता तो आज परिवार की खुशियां खत्म न होती’
परिवार के लोगों ने रात भर दादा और दादी को इस घटना की जानकारी नहीं दी। उन्हें सुबह जब पता चला कि उनका पौता नहीं रहा तो आंखों से आंसू नहीं थमे। दादा हवा सिंह ने कहा कि यदि उनके पौते को वीजा मिल जाता तो आज परिवार की खुशियां खत्म न होती। विदित हो कि मूल रूप से भूसली गांव के रहने वाले विनय नरवाल तीन साल पहले ही नेवी में भर्ती हुए थे। उनकी सात दिन पहले 16 अप्रैल को मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी।
इसके बाद परिवार की ओर से करनाल में 19 अप्रैल को रिस्पेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके बाद वह पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून के लिए पहलगाम गए थे। लेफ्टिनेंट विनय का एक मई को जन्मदिन भी है। शादी के बाद पहले बर्थडे को लेकर परिवार उत्साहित था। इसके बाद तीन मई को उन्हें पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था।

दादा पुलिस से हैं सेवानिवृत्त
लेफ्टिनेंट विनय के दादा हवा सिंह पुलिस से सेवानिवृत्त हैं। आतंकी हमले में पौते की मौत के बाद वे खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। वहीं विनय के पिता राजेंद्र नरवाल केंद्र सरकार के कस्टम विभाग में कार्यरत हैं।
छह दिन ही निभा सके सात जन्मों का बंधन
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में कायर आतंकियों ने जिन पर्यटकों की जान ली है, उनमें करनाल का लाल लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल है। नौसेना में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल पत्नी हिमांशी के साथ घूमने के लिए गए थे। दोनों की शादी छह दिन पहले 16 अप्रैल को डेस्टीनेशन वेडिंग के रूप में मसूरी में हुई थी। हिमांशी गुरुग्राम की रहने वाली हैं। तीन दिन पहले 19 अप्रैल को ही शादी का रिसेप्शन करनाल में हुआ था।
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Pahalgam Attack: कश्मीर जाने से पहले विनय और हिमांशी का यहां घूमने का था प्लान; इस कारण बदलनी पड़ी योजना