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पहलगाम हमले में मारे गए करनाल के विनय नरवाल को माता-पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन बेटे की जिद ने उनके फैसले को पलट दिया और अपनी मेहनत और अभिभावकों के आशीर्वाद से नौसेना में भर्ती हो गया। शायद विनय की तकदीर में देश की सेवा लंबे समय तक नहीं लिखी थी। विनय पहलगाम में कायर आतंकियों की गोली का शिकार हो गया। परिवार के अनुसार, बीटेक के तीसरे वर्ष में विनय ने इंजीनियर की नौकरी न करने और सैन्य अधिकारी बनने का मन बनाया था। बेटे की इच्छा के आगे परिवार ने कोई सवाल नहीं उठाया और उसकी इच्छा को देखते हुए उसे तैयारी करने दी।
वायुसेना में हाइडल पायलट की नौकरी के लिए विनय ने दो बार प्रयास किया लेकिन हाइट के कारण चूक गया। इसके बाद उसे पहले ही प्रयास में नौसेना में नौकरी मिल गई। करीब डेढ़ वर्ष पहले ही उसे लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नति मिली थी। सेंट कबीर स्कूल से विनय ने पढ़ाई की। यहां हमेशा वह अपनी कक्षा में पहले या दूसरे स्थान पर रहा।
विनय के दादा और पत्नी हिमांशी से मिले मनोहर लाल
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के दादा के बातचीत के दौरान रोने और हिमांशी की पीड़ा सुनकर भावुक हो गए। मंत्री की आंखों में आंसू छलक आए। नेपाल दौरे को बीच में ही रद्द करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री वीरवार को करनाल पहुंचे। उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमले के शिकार हुए विनय नरवाल के सेक्टर-7 स्थित निवास परिजनों से मुलाकात की। जवान के निधन पर दुख प्रकट किया और परिजनों को सांत्वना दी।
उन्होंने कहा कि इस घड़ी में परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विनय को लंबे समय तक देश की सेवा करनी थी लेकिन आतंकवादियों ने बर्बरतापूर्वक गोली मारकर हत्या कर दी। हमले में लेफ्टिनेंट के अलावा 25 अन्य पर्यटक और एक नेपाल का पर्यटक भी मारा गया है। उन्होंने कहा, कश्मीर व अन्य प्रदेशों में नेपाल से प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक आते हैं, अगर पर्यटक सुरक्षित नहीं होंगे तो पर्यटन व्यवस्था में कठिनाई आएंगी।
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Pahalgam Attack: इंजीनियर बनाना चाहते थे पिता, पर विनय बन गए नौसैनिक; दो बार वायुसेना में पायलट बनने से चूके






