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प्रतीकात्मक तस्वीर
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद भारतीय सेना को फ्री हैंड दे दिया गया है। ऐसे में भारतीय नौसेना द्वारा लगातार हिंद महासागर और अरब सागर में अभ्यास किया जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के नेता बार-बार परमाणु बम की धमकी दे रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान के ये नेता जो आज परमाणु बम की धमकी दे रहे हैं। उन्हें एक बार इतिहास में झांकने की जरूरत है। इतिहास में जितनी बार पाकिस्तान ने युद्ध करने की सोची। भारतीय सेना ने उतनी बार पाकिस्तान को हराया। वैसे तो भारतीय सेना द्वारा हर मोर्चे पर लड़ी गई लड़ाई ऐतिहासिक रही है। लेकिन एक लड़ाई ऐसी भी थी जिसमें भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। ये जख्म ऐसा है कि जिसे अगर आज भी पाकिस्तान याद करता होगा तो वह खुद बोलता होगा, ‘धमकी मत दो वरना भारतीय नौसेना आ जाएगी।’ ये कहानी है भारतीय नौसेना के शौर्य और पराक्रम की।
ऑपरेशन ट्राइडेंट की कहानी
साल था 1971 का। पश्चिमी पाकिस्तान की सेना पूर्वी पाकिस्तानी यानी आज के बांग्लादेश में आतंक मचा रही थी। पूर्वी पाकिस्तान के बंगालियों का पाकिस्तानी सेना द्वारा नरसंहार किया जा रहा था। इस बीच पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराने का फैसला भारत सरकार ने किया। इस समय केंद्र में सरकार थी इंदिरा गांधी की। आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने इस युद्ध की घोषणा कर दी। बांग्लादेश की सीमा का पर जमीन पर जहां भारतीय सेना लड़ाई लड़ रही थी। वहीं समंदर में भारतीय नौसेना एक शार्क मछली की तरह पाकिस्तानी जहाजों का शिकार कर रही थी। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया ऑपरेशन ट्राइडेंट। इस दौरान जब जमीन पर पूर्वी पाकिस्तान में भारत और पश्चिमी पाकिस्तान की सेना के बीच एक तरफ युद्ध चल रहा था।
ना डूबने वाले गाजी को भारतीय नौसेना ने डुबाया
वहीं दूसरी तरफ समंदर में भारतीय नौसेना और पाकिस्तानी नौसेना के बीच लड़ाई जारी थी। इस दौरान समंदर में भारत और पाकिस्तान के पनडुब्बी जहाज एक दूसरे पर तॉरपीडो दाग रहे थे। इस दौरान भारतीय नौसेना की पंडुब्बी खराब हो गई। वहीं दूसरी तरफ थी पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाजी। ऐसा कहा जाता था कि पीएनएस गाजी को समंदर में डुबाया नहीं जा सकता। लेकिन खराब सबमरीन से अपने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए भारतीय सेना ने पीएनएस गाजी को ही मार गिराया और देखते ही देखते पीएनएस गाजी समंदर में डूब गया।

कराची पोर्ट को भारतीय नौसेना ने किया तबाह
इस दौरान भारतीय नौसेना अरब सागर में कराची पोर्ट के पास पहुंच गई और वहां से कराची पोर्ट पर हमला शुरू कर दिया। ये पोर्ट पाकिस्तान की नौसेना के लिए बेहद अहम था। इस दौरान कराची पोर्ट पर तैनात डिस्ट्रॉयर, ऑयल टैंक्स और मालवाहक जहाजों को भारतीय नौसेना ने तबाह कर दिया। इस दौरान पाकिस्तानी नौसेना को काफी नुकसान हुआ और कई पाकिस्तानी सैनिक इस दौरान मारे गए। ऑपरेशन ट्राइडेंट का उद्देश्य था पाकिस्तान की नौसेना का और पाकिस्तान की सेना के मनोबल को तोड़ना। इस हमले के बाद ठीक ऐसा ही हुआ। इस हमले के ठीक बाद पूर्वी पाकिस्तान में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया। इतिहास में आज तक कभी ऐसा देखने को नहीं मिला जब 2 देशों की लड़ाई में इतनी बड़ी सेना ने कभी सरेंडर किया हो।
पाकिस्तान के हो गए दो टुकड़े
इस युद्ध में भारतीय सेना ने जीत दर्ज की और नए देश को बनाया गया, जिसका नाम पड़ा बांग्लादेश। खैर, बांग्लादेश भले ही आज भारत और भारतीय सेना को आंख दिखा रहा है, लेकिन भारतीय सेना के इतिहास को भूल पाना असंभव है। ऑपरेशन ट्राइडेंट के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर तीन तरफा हमला किया। इसमें जमीन, आकाश और समंदर तीनों ही मोर्चों पर लड़ाई लड़ी गई। इसके अलावा पाकिस्तान एक तरफ एलओसी पर भारत से लड़ाई लड़ रहा था। वहीं दूसरी तरफ वह पूर्वी पाकिस्तान में भारत से लड़ाई लड़ रहा था। लेकिन भारतीय नौसेना के एक हमले ने पाकिस्तान को उसके घुटनों पर ला दिया और पाकिस्तान की बुरी तरह हार हुई।
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Operation Trident: कहानी भारतीय नौसेना के शौर्य और पराक्रम की, पढ़ें पूरी खबर