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चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में ‘नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट’ (एनआईएच) की स्थापना को लेकर अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश उस जनहित याचिका पर दिया गया है, जिसमें संस्थान की स्थापना में हो रही देरी को चुनौती दी गई है। या
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ये की याचिका में मांग
यह याचिका डॉ. जेसी मेहता द्वारा दायर की गई है, जो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटल इंजीनियरिंग इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में पीजीआई के अस्पताल अभियांत्रिकी विभाग की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. मेहता स्वास्थ्य अवसंरचना पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं और वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार भी रह चुके हैं। संस्थान का उद्देश्य देश में अस्पतालों व स्वास्थ्य अवसंरचना की योजना, अनुसंधान, समन्वय और प्रबंधन से जुड़े पेशेवरों को प्रशिक्षित करना है। यहां दो प्रमुख मास्टर डिग्री प्रोग्राम प्रस्तावित हैं — पहला स्वास्थ्य सुविधा योजना व डिजाइन, और दूसरा स्वास्थ्य देखभाल अभियांत्रिकी व प्रबंधन।
इन कोर्सों में सिर्फ इंजीनियर या आर्किटेक्ट ही नहीं, बल्कि डॉक्टर, नर्स, मेडिकल टेक्नॉलॉजिस्ट सहित स्वास्थ्य क्षेत्र के अन्य पेशेवरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में पहले से इस तरह के प्रोग्राम चल रहे हैं।
याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार जल्द से जल्द इस संस्थान की स्थापना की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाने वाले विशेषज्ञों की कमी को दूर किया जा सके। हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं कि वह इस विषय पर अपना पक्ष रखे और बताए कि अब तक यह संस्थान क्यों स्थापित नहीं किया गया।
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NIH की देरी पर हाईकोर्ट ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा: मेडिकल प्रोफेशनल्स की तैयारी के लिए जरूरी है संस्थान, AICTE ने करना था स्थापित – Chandigarh News

