ऐसे तैयार होती है ये रेत
दादरी जिले के पहाड़ी जोन से पत्थरों को पीसने के बाद वॉशिंग से तैयार माल हरियाणा सहित साथ लगते राज्यों में काफी डिमांड रहती है। दिल्ली में तैयार नया संसद भवन में चरखी दादरी के क्रशर जोन से विशेष रूप से एम-रेत को तैयार कर भेजा गया था। यहां पर दर्जनों प्लांट एम-रेत को तैयार करते हैं। इस क्षेत्र की पहाड़ियों में पत्थर की स्ट्रेंथ ज्यादा होने के चलते इससे तैयार एम-रेत की लाइफ भी अनलिमिटेड बताई जा रही है। क्रशर जोन में लगे विशेष प्लांटों पर पत्थर को पीसकर रेत बनाया जाता है और पानी व कैमिकल से सफाई कर रेत को तैयार किया जाता है। एम-रेत को सप्लाई करने से पहले लैब में जांच करके ही आगे भेजा जाता है।
पीएम मोदी ने भी सराहा
पीएम मोदी इंजिनियर वजीर खान ने बताया कि एम-रेत को तैयार करने के लिए पूरी टीम की कार्य करती है। इसको प्लांट में पानी से वाशिंग कर केमिकल के माध्यम से तैयार किया जाता है। ऑपरेटर रिंकू ने बताया कि एम-रेत को तैयार करने के प्लांट पर रात-दिन कार्य किया जाता है, यह आधुनिक मशीन से तैयार करते हैं। क्रशर संचालक अजीत का कहना है कि एम-रेत को तैयार करने में इंजिनियर, स्पेशलिस्टों की पूरी टीम कार्य करती है। यह चरखी दादरी के गर्व की बात है कि यहां का एम-रेत संसद भवन को संवारा और पीएम मोदी ने भी इसे सराहा है।
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