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Neeraj Chopra: दुनिया को दिखाया दम, BA से BBA तक की पढ़ाई, सेना में पाई नौकरी Latest Haryana News

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Neeraj Chopra Education: नीरज चोपड़ा ने इससे पहले टोक्‍यो ओलम्‍पिक में गोल्‍ड मेडल जीतकर पूरी दुनिया में नाम कमाया था और भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया था. इस बार के ओलंपिक में भी वह जलवा बिखेरा है. इस बार हो रहे पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उनसे आगे सिर्फ पाकिस्तान के अरशद नदीम रहे. अशरद ने फाइनल मुकाबले के दूसरे थ्रो में 92.97 का थ्रो करके गोल्ड मेडल पर कब्‍जा कर लिया. तो आइए ओलंपिक में भारत की शान कहे जाने वाले नीरज चोपड़ा की पढ़ाई लिखाई के बारे में जानते हैं. आखिर ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने के बाद वह किसी नौकरी में न जाकर भाला फेंकने वाले खिलाड़ी कैसे बन गए?

पानीपत में हुआ जन्‍म
जैवलिन थ्रो गेम यानि भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा का जन्‍म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में हुआ. वह पानीपत जिले के खंडरा गांव के रहने वाले हैं. नीरज के पिता सतीश कुमार पेशे से किसान हैं. वह गांव में ही खेती बाडी करते हैं. माता सरोज देवी हाउसवाइफ हैं. इसके अलावा उनके परिवार में उनकी दो बहनें भी हैं.

कहां से की पढ़ाई लिखाई
एथलीट नीरज चोपड़ा की शुरुआती पढ़ाई बीवीएन पब्लिक स्‍कूल से हुई. यहीं से उन्‍होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली. इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए उन्‍होंने चंडीगढ़ के दयानंद एग्लो-वेदिक (डीएवी) कॉलेज में दाखिला लिया और यहां से ग्रेजुएशन किया. इतना ही नहीं नीरज चोपड़ा ने वर्ष 2021 में जलांधर की एक निजी यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री भी ली.

बचपन से थी खेलों में रूचि
नीरज चोपड़ा के परिजनों ने कई इंटरव्‍यू में खुलासा किया कि नीरज की रूचि बचपन से ही खेलों में थी. बताया जाता है कि पानीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी में जयवीर चौधरी ने सबसे पहले नीरज को भाला फेंकने की ट्रेनिंग देना शुरू किया और वह उनके कोच बनकर मार्गदर्शन करते रहे. जिसके बाद आज नीरज चोपड़ा दुनिया में देश और अपना नाम रौशन कर पा रहे हैं.

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सेना में नौकरी करते हैं नीरज
एथलीट नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में नौकरी करते हैं. उन्‍हें राजपूताना राइफल्‍स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO)के पद पर नियुक्‍त किया गया था. दक्षिण एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन के बाद उन्‍हें सेना में नौकरी दी गई थी. जहां बाद में टोक्‍यो ओलंपिक में गोल्‍ड मेडल जीतने के बाद उन्‍हें प्रमोट करके नायब सूबेदार बना दिया गया.

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