National Record: वंश पन्नू ने 50 मीटर तैराकी में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता


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भुवनेश्वर में चल रही जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में हरियाणा के पानीपत के वंश पन्नू ने एक बार फिर नया रिकार्ड बनाया है। 50 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक राउंड को वंश पन्नू ने केवल 29.59 सेकेंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले खेलो इंडिया में उन्होंने 50 मीटर में नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। डेढ़ महीने के अंदर ही वंश ने दूसरी बार नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक में वंश ने कांस्य पदक जीता है। 

खेलो इंडिया में शानदार प्रदर्शन के बाद ही वंश पन्नू जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए वह प्रतिदिन दो से तीन घंटे तक स्वीमिंग पूल में तैराकी का अभ्यास करता था। साथ ही दो घंटे जिम में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करता था। यही कारण है कि वंश ने नेशनल मेडल जीतकर एक बार फिर हरियाणा का नाम रोशन किया है।

वंश पन्नू का अब अगला लक्ष्य एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। वंश का सपना है कि वह विदेशों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का तिरंगा फहराए। विदित हो कि वंश अपनी माता नीलम और पिता करण सिंह पन्नू के साथ इस चैंपियनशिप में गए हैं। यह चैंपियनशिप भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 16 से 20 जुलाई तक चलेगी।

पिता करण सिंह ने वंश को सिखाई थी तैराकी
वंश के पिता करण सिंह पन्नू ने ही वंश को तैराकी सिखाई थी। पिता करण सिंह चाहते थे कि वंश अच्छा तैराक बने, जबकि वंश को पहले पानी से डर लगता था। ऐसे में पिता उसे पानी में धक्का देकर तैरने के लिए बोलते थे। धीरे-धीरे वंश का पानी से डर खत्म हो गया और वह एक अच्छा तैराक बन गया। 

विस्तार

भुवनेश्वर में चल रही जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में हरियाणा के पानीपत के वंश पन्नू ने एक बार फिर नया रिकार्ड बनाया है। 50 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक राउंड को वंश पन्नू ने केवल 29.59 सेकेंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले खेलो इंडिया में उन्होंने 50 मीटर में नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। डेढ़ महीने के अंदर ही वंश ने दूसरी बार नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक में वंश ने कांस्य पदक जीता है। 

खेलो इंडिया में शानदार प्रदर्शन के बाद ही वंश पन्नू जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए वह प्रतिदिन दो से तीन घंटे तक स्वीमिंग पूल में तैराकी का अभ्यास करता था। साथ ही दो घंटे जिम में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करता था। यही कारण है कि वंश ने नेशनल मेडल जीतकर एक बार फिर हरियाणा का नाम रोशन किया है।

वंश पन्नू का अब अगला लक्ष्य एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। वंश का सपना है कि वह विदेशों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का तिरंगा फहराए। विदित हो कि वंश अपनी माता नीलम और पिता करण सिंह पन्नू के साथ इस चैंपियनशिप में गए हैं। यह चैंपियनशिप भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 16 से 20 जुलाई तक चलेगी।

पिता करण सिंह ने वंश को सिखाई थी तैराकी

वंश के पिता करण सिंह पन्नू ने ही वंश को तैराकी सिखाई थी। पिता करण सिंह चाहते थे कि वंश अच्छा तैराक बने, जबकि वंश को पहले पानी से डर लगता था। ऐसे में पिता उसे पानी में धक्का देकर तैरने के लिए बोलते थे। धीरे-धीरे वंश का पानी से डर खत्म हो गया और वह एक अच्छा तैराक बन गया। 

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