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जो लोग सीधे शेयर बाजार में निवेश करने का जोखिम नहीं ले सकते, उनके लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड में आप किसी फंड में निवेश करते हैं। फंड मैनेजर्स इस फंड को मैनेज करते हैं। म्यूचुअल फंड की खास बात यह है कि इसमें जरूरी नहीं है कि आप एकमुश्त निवेश ही करें। आप एसआईपी के जरिए हर महीने एक छोटी रकम भी निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको एसआईपी से बेहतर रिटर्न पाने के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं।
सही फंड का करें चुनाव
सभी म्यूचुअल फंड समान नहीं होते हैं। इसलिए, पिछले प्रदर्शन, व्यय अनुपात और फंड मैनेजर के अनुभव जैसे फैक्टर्स के आधार पर विभिन्न फंडों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें। ऐसे फंड चुनें जो आपकी जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप हों।
नियमित रूप से करें पोर्टफोलियो की समीक्षा
अपने SIP निवेश में ‘खरीद कर भूल जाने’ की रणनीति न अपनाएं। समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें। यह आपको आवश्यकतानुसार बदलाव करने में मदद करेगा। लगातार बेंचमार्क से बेहतर परफॉर्म करने वाले फंड्स पर ध्यान दें और यदि आपके मौजूदा निवेश अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो उनसे निकलकर बेहतर विकल्पों में निवेश करें।
बाजार के उतार-चढ़ाव में अनुशासन बनाए रखें
बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव चिंताजनक हो सकते हैं, लेकिन SIP की सफलता के लिए अनुशासित रहना महत्वपूर्ण है। बाजार में गिरावट के दौरान निवेश जारी रखने से आप कम कीमत पर अधिक यूनिट खरीद पाते हैं, जिससे समय के साथ आपकी औसत खरीद लागत कम हो जाती है।
SIP की रकम में धीरे-धीरे इजाफा करें
जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, अपनी SIP की राशि बढ़ाने पर विचार करें। यह ‘स्टेप-अप’ दृष्टिकोण आपको म्यूचुअल फंड की पूरी क्षमता का लाभ उठाने में मदद कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि आपके निवेश मुद्रास्फीति और आपके बढ़ते वित्तीय लक्ष्यों के साथ तालमेल बनाए रखें।
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले या वित्तीय जोखिम लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के जोखिम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।)

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