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चंडीगढ़ के सेक्टर-31 स्थित सीआईआई में शुक्रवार को अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उद्योग जगत की चुनौतियों और विकास पर मंथन के लिए जानी-मानी हस्तियां पहुंचीं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मौजूद रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में पंजाब सरकार के उद्योग व वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन, विद्युत एवं एनआरआई मामलों के मंत्री संजीव अरोड़ा शामिल हुए।
दोपहर तीन बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित कॉन्क्लेव का मकसद उद्यमियों की भविष्य में आने वाली समस्याओं से उबारना और शहर के उद्यमियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में आगे बढ़ाना था। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान और प्रशासक गुलाब चंद कटारिया दीप प्रज्वलन की रस्म निभाई। कार्यक्रम में पंजाब के बड़े उद्योगपति शामिल हुए। इनमें नवीन मंगलानी, पवित्र सिंह, विनोद मित्तल, वरिंदर सिंह सलूजा, अरुण ग्रोवर, अमित थापर, अमित ढाका, अनुराग अग्रवाल, दिलप्रीत भोपराय शामिल हुए।
पंजाब में बनाई जाएंगी कमेटियां- मंत्री संजीव अरोड़ा
मंत्री संजीव अरोड़ा ने सभी उद्यमियों और अमर उजाला का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा जो सबसे बड़े वीआईपी हैं वह एमएसएमई हैं। क्योंकि ये लोगों के घरों का चूल्हा जलने का काम कर रहे हैं। मंत्री अरोड़ा ने राज्यपाल कटारिया से सभी का सहयोग करने की अपील की है। मंत्री अरोड़ा ने जानकारी दी कि पंजाब में समितियां बनाई जाएंगी जिसमें 12 सदस्य होंगे। इनमें 80 परसेंट एमएसएमई रखे गए हैं। 20 प्रतिशत लार्ज स्केल इंडस्ट्रलिस्ट होंगे। बहुत से उद्यमियों में देश विदेश में नाम किया है। राइट टू बिजनेस एक्ट के तहत अब नया एक्ट पंजाब सरकार ला रही है। इससे एमएसएमई को फायदा होगा। इसके अलावा उन्होंने एमएसएमई इंडस्ट्री को इंसेंटिव देने और पर्यवारण संबंधी समस्याओं से समाधान में सहयोग करने की बात कही।
एमएसएमई ने 25 करोड़ लोगों को जोड़ा- प्रशासक कटारिया
पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने अपने संबोधन में अमर उजाला का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई का देश में अहम योगदान है। वह पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में गए उन्होंने वहां के कुछ अनुभवों को साझा किया। प्रशासक कटारिया ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को एमएसएमई जोड़े हुए है। उनका आर्थिक प्रगति में अहम योगदान रहा है। कोरोना में सबसे ज्यादा नुकसान इसी इंडस्ट्री को हुआ था। आज जो इंडस्ट्री चल रही है 5 साल बाद वो ऐसे ही चलेगी ये जरूरी नहीं। समय के साथ बदलाव होते रहते हैं। यहां की इंडस्ट्री किस प्रकार ग्रो किया जाए इसको लेकर प्रयास किया जाएगा। स्टार्टअप पॉलिसी इसलिए लागू की गई। बच्चों को शुरुआत से ही स्किल दो ताकि उनको रोजगार मांगने की जरूरत न पड़े। कोई आदमी परफेक्ट नहीं होता उसमें सीखने की चाहत होनी चाहिए।
दो पैनल में एमएसएमई पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान दो पैनल डिस्कशन हुई। पहले पैनल में नवीन मंगलानी, पवित्र सिंह, विनोद मित्तल, वरिंदर सिंह सलूजा, अरुण ग्रोवर शामिल रहे। वहीं दूसरे पैनल में अमित थापर, अमित ढाका, अनुराग अग्रवाल, दिलप्रीत भोपराय ने चर्चा की। एमएसएमई: अवसर और चुनौतियां थीम पर चर्चा में चंडीगढ़ की एमएसएमई को वित्तीय सहयोग, तकनीकी संसाधन, बाजार तक पहुंच और नीतिगत समर्थन जैसे पहलुओं पर विचार किया किया गया। दूसरी पैनल चर्चा पंजाब की औद्योगिक वृद्धि में एमएसएमई की भूमिका थीम थी। यह चर्चा पंजाब की औद्योगिक संरचना में एमएसएमई के योगदान, निर्यात संभावनाओं, रोजगार सृजन और राज्य की विकास नीति पर केंद्रित रही।
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MSME For Bharat: सीआईआई में जुटी उद्योग जगत की हस्तियां, मंत्री संजीव अरोड़ा बोले- नया एक्ट ला रही पंजाब सरकार

