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एमएसएमई कंपनियों ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एकल खिड़की परामर्श प्रणाली स्थापित करने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की मांग की है। भारत एसएमई फोरम ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि इस सप्ताह आयोजित गोलमेज सम्मेलन के दौरान एमएसएमई उद्योग के प्रतिनिधियों ने नियामक ढांचे में अधिक स्पष्टता, निष्पक्षता और तैयारी की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रतिनिधियों का कहना है कि ऐसा ढांचा एमएसएमई की वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा और प्रतिस्पर्धा, गुणवत्ता तथा निर्यात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भंडार को बेचना संभव नहीं
एमएसएमई कंपनियों ने बीआईएस प्रमाणन आवश्यकताओं में स्पष्टता की कमी और संक्रमणकालीन समयसीमा को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि मौजूदा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) उन वस्तुओं को ध्यान में नहीं रखते जो अधिसूचना से पहले निर्मित या आयातित की गई थीं, जिससे मौजूदा स्टॉक को बेचने में कठिनाई हो सकती है। इंडिया एसएमई फोरम के अनुसार, एमएसएमई प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि बीआईएस पोर्टल पर ऐसे उपकरणों की कमी है, जो आसानी से लागू मानकों की पहचान करने या प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने में मदद कर सकें। इसके चलते छोटे व्यवसायों के लिए बिना महंगी पेशेवर सहायता के नियमों का अनुपालन करना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
इंडिया एसएमई फोरम ने अमेजन के साथ साझेदारी में क्यूसीओ और बीआईएस प्रमाणन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए विक्रेता शिक्षा अभियान शुरू किया है। अमेजन इंडिया में बिक्री साझेदार सेवा के निदेशक अमित नंदा ने कहा कि हम ग्राहकों का विश्वास जीतने और अनुपालन करके वृद्धि हासिल करने के लिए विक्रेताओं के साथ मिलकर काम करते हैं।
उपकरणों से लैस करने में मदद मिलेगी
नंदा ने कहा कि यह पहल एमएसएमई को विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने में मदद करती है। इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि एमएसएमई को डिजिटल वाणिज्य परिदृश्य में सफल होने में मदद करने के लिए विक्रेताओं और नियामकों के बीच सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है।

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MSME ने भारतीय मानक ब्यूरो के सामने रखी ये मांग, होंगे ये सारे फायदे – India TV Hindi