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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने गुरुवार को 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर यानी जीडीपी ग्रोथ रेट के पूर्वानुमान को घटाकर 6. 1 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने ऐसा अमेरिका के बढ़ते पारस्परिक टैरिफ खतरों को ध्यान में रखते हुए किया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मूडीज एनालिटिक्स की ‘एपीएसी आउटलुक: यू.एस.वर्सस देम’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने भारत के जीडीपी विकास अनुमान को मार्च बेसलाइन के 6.4 प्रतिशत से संशोधित कर 2025 में 6.1 प्रतिशत कर दिया है।

रेपो रेट में और 0.25% गिरावट की है
खबर के मुताबिक, मूडीज ने कहा कि रत्न और आभूषण, चिकित्सा उपकरण और कपड़ा उद्योग सबसे बुरी तरह प्रभावित होंगे। फिर भी हम उम्मीद करते हैं कि समग्र विकास झटके से अपेक्षाकृत अछूता रहेगा क्योंकि बाहरी मांग सकल घरेलू उत्पाद का अपेक्षाकृत छोटा हिस्सा बनाती है। रेटिंग एजेंसी को यह भी उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और कमी करेगा। संभवतः 25 आधार अंकों की कटौती के रूप में, वर्ष के आखिर तक नीतिगत दर (रेपो रेट) को 5. 75 प्रतिशत तक ले जाएगा। इस वर्ष की शुरुआत में घोषित टैक्स प्रोत्साहनों के साथ मिलकर, घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और अमेरिकी टैरिफ के झटके को कम करने में मदद मिलेगी।
ट्रम्प ने बुधवार को दी टैरिफ में तत्काल राहत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को 90 दिनों के लिए पारस्परिक टैरिफ को स्थगित कर दिया। यह 9 अप्रैल से उन 75 देशों पर लागू होने वाले थे, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन है। हालांकि, अमेरिका ने चीनी आयात पर टैरिफ को तुरंत प्रभावी करते हुए 125 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। हालांकि, 5 अप्रैल से प्रभावी 10 प्रतिशत का उच्च टैरिफ जारी रहेगा। भारत के मामले में, अमेरिका को निर्यात के लिए भुगतान किए जाने वाले 26 प्रतिशत के अतिरिक्त शुल्क को 90 दिनों के लिए रोक दिया गया है।
घरेलू और व्यावसायिक भावनाएं चरमरा रहीं
मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि अनिश्चितता स्पष्ट है, गिरते और अस्थिर इक्विटी बाजारों ने वित्तीय बाजार में उथल-पुथल को मुख्य रूप से दर्शाया है। अनिश्चितता में निरंतर वृद्धि के निगेटिव और व्यापक प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि घरेलू और व्यावसायिक भावनाएं चरमरा रही हैं। इसके अलावा, जब वातावरण इतना अनिश्चित हो, तो परिवार अधिक खर्च नहीं करना चाहेंगे, भले ही उनकी क्रय शक्ति मजबूत हो, और व्यवसाय अराजकता से निपटने के लिए अतिरिक्त निवेश से पीछे हटेंगे। टैरिफ के कारण व्यापार की लागत और जटिलता बढ़ जाती है, जिससे वैश्विक विकास की संभावनाएं कमजोर हो जाती हैं।
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Moody’s का बदल गया मूड, भारत के लिए 2025 की जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कर दिया ये उलटफेर – India TV Hindi