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MCD Standing Committee Elections: दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में उपराज्यपाल के दखल पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्होंने किस अधिकार का इस्तेमाल कर चुनाव में दखल दिया. एलजी ऑफिस को 2 सप्ताह में जवाब देना है.
जस्टिस पी एस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली 2 जजों की बेंच ने एलजी ऑफिस से कहा कि वह स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन चुनाव में दखल न दें. एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव प्रक्रिया में एलजी के दखल को असंवैधानिक और डीएमसी एक्ट का उल्लंघन बताते हुए याचिका दाखिल की है.
मामले में हो रही राजनीति
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में राजनीति हो रही है. स्थायी समिति सदस्य चुनाव में मेयर की भूमिका होती है. यह सदन के अंदर का मामला है. इसे एलजी नियंत्रित नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि अगर एलजी स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन चुनाव में दखल देंगे, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.
एलजी को क्यों थी जल्दी – SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीएमसी एक्ट की धारा 487 के तहत एलजी को कार्यकारी शक्ति है लेकिन उसका इस्तेमाल कर वह सदन के अंदर की कार्यवाही में दखल नहीं दे सकते. कोर्ट ने कहा कि एमसीडी मेयर की गैरमौजूदगी में एलजी को स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराने की जल्दी क्यों थी? अगर एलजी इस तरह दखल देते रहेंगे, तो लोकतंत्र का क्या होगा?
दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी की आखिरी खाली सीट के लिए चुनाव बीते शुक्रवार (27 सितंबर) को हुआ. इस चुनाव में AAP और कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया था. AAP ने दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के चुनाव को अवैध और असंवैधानिक बता दिया था और फिर इस चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और कहा कि यह चुनाव कानून को ताक पर रखकर हुआ है.
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MCD स्टैंडिंग कमिटी चुनाव में LG की दखलंदाजी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- लोकतंत्र का क्या होगा