फोटो संख्या:58- गांव धौली में चौपाल में चुनावी चर्चा करते ग्रामीण–संवाद
महेंद्रगढ़। महेंद्रगढ़ में लंबे समय से जिला मुख्यालय एवं आईएमटी का मुद्दा गरमाया हुआ है। वहीं इस बार चुनावी चर्चाओं में क्षेत्र के लोग इन दोनों मुद्दों पर भी उम्मीदवारों से पूछताछ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि महेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय के हक से लंबे समय से वंचित रहा है।
यह प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जिसका मुख्यालय ही जिले से 35 किलोमीटर दूर है। मुख्यालय का मुद्दा पिछले एक दशक से लगातार चुनावी चर्चा बन रहा है। लोगों का कहना है कि पिछले दस सालों से यह मांग लगातार उठती आ रही है, लेकिन क्षेत्र के नेताओं ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है।
गांव धौली में हुक्का चौपाल पर बैठे सरपंच मास्टर अमित, छोटूराम, छल्लुराम, मक्खन लाल, रोहताश, पप्पू, हवा सिंह, रामफल ने कहा कि महेंद्रगढ़ को उसका हक दिलाने वाले नेता को भी आगे लाना है। लंबे समय से नेताओं ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है। केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं, जबकि यह मुद्दा प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय नेताओं के समक्ष लोगों द्वारा खूब उठाया गया है। प्रदेश के गठन के समय के पुराने सात जिलों में शामिल होने के बावजूद भी महेंद्रगढ़ को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह अब तक नहीं मिला।
उन्होंने कहा सरकार कोई भी रही हो, लेकिन यह मांग मजबूती से नहीं उठाई गई। जिले का दर्जा होने के बाद भी लोगों को अपने कार्याें के लिए नारनौल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिले के अंतिम छोर के गांवों की तो नारनौल से दूरी भी 70 से 80 किलोमीटर है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार जो भी विधायक बनेगा वह अवश्य ही इस मांग को पूरा करेगा।
Mahendragarh-Narnaul News: लोगों का दर्द -महेंद्रगढ़ प्रदेश का पहला जिला जिसका मुख्यालय ही 35 किमी दूर