नारनौल। राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी को पांच साल बाद तो किसी को दस साल बाद न्याय मिला। इस दौरान मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों में भी पीड़ित परिवारों को लाखों रुपये का मुआवजा दिलाया गया। लोक अदालत में 7408 केस रखे गए। 3779 मामलों का निपटारा किया गया।
लोक अदालत हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित की गई। वहीं महेंद्रगढ़ जिले में जिला, सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेंद्र सूरा की मौजूदगी में न्यायिक परिसर नारनौल, महेंद्रगढ़ व कनीना में आयोजित की गई। लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एडी महाजन, अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिविजन अमित सिहाग व सिविल जज जूनियर डिविजन अनुराग यादव ने नारनौल में, अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिविजन प्रवीण कुमार ने कनीना में और महेंद्रगढ़ में अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिविजन गौरव खटाना न्यायाधीश की बेंच ने सुनवाई की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत में वाहन दुर्घटना मुआवजा केस, वैवाहिक मामले, जमीन अधिग्रहण मुआवजा से संबंधित मामले, दीवानी मामले जैसे की किराया, बैक ऋण, बच्चों व पत्नी के लिए भरण-पोषण, चेक बाउंस, साइबर क्राइम व राजीनामा योग्य फौजदारी मामलों को रखा गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में 7408 केस निपटारे के लिए रखें गए जिनमें से 3779 केसों का फैसला किया गया।
बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नारनौल द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर 01282-250322 चलाया गया है। इस पर भी आमजन किसी भी प्रकार की कानूनी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं एक व्यक्ति ने बताया कि उसका एक मामला कोर्ट में 2016 से चल रहा था। लोक अदालत में निपटारा हो गया। मामला चेक बाउंस का था। केस को लेकर 2016 से कई बार कोर्ट के चक्कर लगा चुका था।
इंसेट
मोटर वाहन दुर्घटना के 25 मामलों में दो करोड़ को दिलाया मुआवजा
राष्ट्रीय लोक अदालत में 25 मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई। इनमें करीब 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। इसके चेक बाउंस, पति-पत्नी के भरण पोषण के मामलों की भी सुनवाई की गई।
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