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नारनौल।
बरसात के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों से सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे में जिला के सभी नागरिक सप्ताह में एक दिन ड्राई डे के रूप में मनाए। इस दिन नागरिक अपने कूलर, टायर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों को साफ करें।
राहत की बात यह है कि जिले में अभी तक डेंगू का एक भी केस नहीं आया है। मलेरिया के दो केस पॉजिटिव आए हैं, इनमें से एक केस बाहर से आया है। डेंगू की जांच नारनौल और महेंद्रगढ़ अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध है। अभी तक जिले में 88818 बुखार के मरीजों की जांच की जा चुकी है तथा लगभग 18 लाख घरों को जांचा किया जा चुका है। जांच के दौरान 962 घरों में लार्वा मिला जिनको नोटिस दिए गए है।

शुक्रवार को उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय में मलेरिया और डेंगू से बचाव लिए किए जा रहे उपायों को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेंगू, मलेरिया आदि अन्य बीमारियों के लिए जो जांच की राशि निर्धारित की गई हैं, उससे ज्यादा फीस ना लें।
बैठक में सिविल सर्जन डाॅ. धर्मेंद्र सांगवान ने बताया कि बरसात के मौसम को देखते हुए डोर टू डोर एक्टिविटीज के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डेंगू और मलेरिया का इलाज सभी अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सर्दी व कंपन, सिर दर्द तथा उल्टी लगना मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं। बुखार होने पर नागरिक तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर खून की जांच करवाएं।
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए यह उपाय करें
सिविल सर्जन डॉ. धर्मेंद्र सांगवान ने बताया कि घर में रखे बिना ढके पानी के बर्तन व छत पर टंकी में एकत्रित पानी में मच्छर पैदा होते हैं। इनको हमेशा ढक कर रखें। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों, हौदी को अवश्य सुखाकर ही पानी भरें। यदि कूलर उपयोग में ना लाए जा रहे हो तो रगड़कर साफ करके सुखाकर ही रखें। अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। पानी से भरे गड्ढों में मिट्टी भर दें। यदि यह संभव न हो तो खड़े पानी में मिट्टी का तेल, डीजल, पेट्रोल व टैमीफोस दवाई डाल दें।
मच्छरों से बचने के तरीके
मलेरिया व मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए सभी को खासकर गर्भवती महिला और बच्चों को मच्छरदानी या मच्छरनाशक क्रीम का प्रयोग करना चाहिए । घर के दरवाजे व खिड़कियों पर उपयुक्त जाली इस्तेमाल करें। निश्चित करें कि कीटनाशक छिड़काव के समय घर के सभी कमरों में छिड़काव हो। छिड़काव के बाद कम से कम 3 महीनों तक लिपाई, सफेदी और रंग रोगन ना करें। घरों में छिड़काव के समय सहयोग दें। पूरी बाजू के कपड़े पहने।

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Mahendragarh-Narnaul News: मलेरिया और डेंगू की रोकथाम पर मंथन