टूटी हुई नहर को दिखाते किसान
संवाद न्यूज एजेंसी
महेंद्रगढ़। गांव बवाना में नहर टूटने से खेतों और घरों में पानी घुस गया और करीब दस एकड़ में खड़ी सरसों व गेहूं की फसलें जलमग्न हो गई। किसानों एवं ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद पंप हाउस से पानी बंद कराया गया। मौके पर नहरी विभाग के जेई व एसडीओ ने पहुंचकर जेसीबी से मिट्टी डलवाकर मरम्मत का काम शुरू कराया। किसानों का कहना है कि ओवरफ्लो होने के कारण यह नहर पांचवीं बार टूटी है। किसान सोमदत्त की दो कनाल से अधिक गेहूं की फसल पानी के तेज बहाव से कटाव होने से बर्बाद हो गई। नहर के साथ लगते दो मकानों में पानी घुसने से अनाज व अन्य सामान भी खराब हो गया।
किसानों का कहना है कि इस बारे में विभाग से कई बार शिकायत की है लेकिन विभाग लापरवाही कर रहा है। नहर के निर्माण के दौरान किसानों व ग्रामीणों ने घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग पर आपत्ति भी जताई तथा विभाग के अधिकारियों से शिकायत भी की थी। लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। करीब 40 साल पहले इस नहर का निर्माण किया गया था। सफाई तथा रखरखाव के नाम से अनेक बार विभाग ने बजट जारी किया जिसमें गोलमाल किया गया है। जांच के नाम पर अधिकारियों से केवल आश्वासन ही मिला है। वर्ष 2020 में ग्रामीणों तथा किसानों ने इस नहर पर 14 दिन तक धरना दिया था। मौके पर पहुंचे सरपंच प्रवीण कुमार, पंच सोमदत्त, सुखबीर, अनिल यादव, विजेंद्र, मनोज कुमार, सत्यनारायण शर्मा, रामनिवास, बजरंग लाल, वीर सिंह यादव सहित अनेक ग्रामीणों तथा किसानों ने भी विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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