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Latest Mahendragarh-Narnaul News: महेंद्रगढ़ की श्रीरामलीला परिषद में प्रदेशभर की रामलीलाओं में सबसे आधुनिक तरीके से मंचन किया जाता है। मंचन के दौरान तकनीकि के माध्यम से जमीन से 50 फीट ऊंचाई में रावण द्वारा सीता हरण, जटायु रावण युद्ध, परशुराम का क्रोध, धनुष भंजन, राम-सीता विवाह के दृश्यों का आधुनिक तरीके से मंचन किया जाता है। इस बार पारसी थियेटर के रूप में आधुनिक एनिमेशन के माध्यम से दृश्यों का मंचन भी किया जाएगा। रामलीला परिषद में 65 कलाकार अपने रोल को याद कर वर्षों से अदा करते आ रहे हैं।
20 वर्ष पहले हांसी की रामलीला थी प्रदेश में सबसे आधुनिक
श्रीरामलीला परिषद के वरिष्ठ संरक्षक व हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक अनिल कौशिक ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व हांसी की रामलीला प्रदेश में सबसे आधुनिक रामलीला थी। इसके मंचन में तकनीक का सहारा लिया जाता था, लेकिन अब यह रामलीला करीब 20 वर्षों से बंद है। अब महेंद्रगढ़ की रामलीला प्रदेश में सबसे आधुनिक रामलीला है। इसमें पारसी थियेटर के आधार पर तकनीक का प्रयोग किया जाता है। काफी दृश्यों को एनिमेशन का प्रयोग किया जाता है। हनुमान जी का अशोक वाटिका उजाड़ना, जटायु रावण युद्ध, धनुष भंजन के दौरान परशुराम का क्रोधित होने के समय चिंगारियां निकलना आदि दृश्यों को तकनीक का प्रयोग होता है।
66 सालों से निरंतर जारी है मंचन
पिछले 66 साल से रामलीला परिषद में मंचन जारी है। रामलीला अपने निजी कोष से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं करती है। इसका स्वयं का भवन होने के साथ-साथ सभी प्रकार का साजोसामान भी है। प्रदेश की सबसे प्राचीन रामलीलाओं में भी श्रीरामलीला परिषद महेंद्रगढ़ की गिनती अग्रणी होती है। कलाकार निशुल्क अपनी सेवाएं देते हैं, अधिकांश बड़े पदों पर तैनात हैं। साथ ही यहां के युवा कलाकार राष्ट्रीय स्तर के नाटकों में मुख्य किरदार भी निभाते हैं।
65 कलाकारों में 15 बाल कलाकार, 20 वरिष्ठ, 20 युवा, एक महिला व 10 बुजुर्ग कलाकार
श्रीरामलीला परिषद के मंचन में कुल 65 कलाकार अपने किरदार निभाते हैं। हर साल दस बाल कलाकारों को भी तैयार किया जाता है। इस बार 15 बाल कलाकारों को मंचन का अवसर मिलेगा। साथ ही 20 वरिष्ठ कलाकार बाल कलाकारों को मंचन की बारीकियों से अवगत कराएंगे। 10 बुजुर्ग कलाकार वर्षों के अनुभवों के कारण अपने किरदारों में विशेष छाप भी लंबे समय से छोड़ते आ रहे हैं। छह दशक पूर्व लोग ऊंट गाड़ियों से लेकर अब कारों में पहुंचकर इसका मंचन देखते हैं।