नारनौल। डीआरडीए कार्यालय में जिला परिषद की मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें वार्ड नंबर 18 के पार्षद श्याम चंदेला ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों के साथ जमकर बहस की और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
बैठक की अध्यक्षता जिला प्रमुख डाॅ. राकेश कुमार ने की। इस मौके पर सीईओ प्रमोद कुमार व उनके स्टाफ सहित उपप्रधान भीम सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में जिला परिषद के कुल 19 में से 18 पार्षदों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। जिला परिषद की यह बैठक मुख्य रूप से स्टेट फाइनेंस की ग्रांट का आंवटन करने के आयोजित की गई थी, जिसकी राशि करीब तीन करोड़ रुपये थी। इस बजट के लिए सभी पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में करवाए जाने वाले कार्यों की लिस्ट अधिकारियों को सौंपी। जिला प्रमुख ने बताया कि इन तीन करोड़ रुपए में सभी वार्डों में जो कार्य हो सकते हैं, उन्हें करवाया जाएगा व बाकी कार्यों के लिए टेंडर लगाए जाएंगे। इस मौके पर जिला पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याओं के समाधान के लिए अपनी तरफ से कुछ प्रस्ताव व शिकायतें रखी। इनमें ज्यादातर नहरी पानी, पेंशन काटने तथा मेघोत हाला के पब्लिक हेल्थ से संबंधित मामले थे। इसके साथ ही गांवों के अंदर लाइट, सफाई, शौचालय, बस क्यू सेंटर तथा पंचायती जमीन पर कब्जा आदि के मामले पार्षदों द्वारा रखे गए। पार्षदों ने हर घर जल नल अभियान को लेकर भी अधिकारियों से कहा कि यह कार्य लगभग सभी गांवों में अधूरा पड़ा है। बैठक में सीईओ ने सभी पार्षदों से एक-एक करके समस्या व नए विकास कार्य करवाने के बारे में भी पूछा। इस दौरान सभी ने अपनी समस्या व कार्य अधिकारियों के सामने रखे।
पानी व पेंशन की समस्या को लेकर अधिकारी व बिफरे पार्षद:
जिला परिषद की बैठक में वार्ड नंबर 18 के पार्षद श्याम चंदेला ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों के साथ जमकर बहस की और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने नहर विभाग के अधिकारी से जब नांगल चौधरी के गांवों में पानी की समस्या से अवगत करवाया तो अधिकारी ने कहा कि जब से सिंचाई मंत्री डाॅ. अभयसिंह यादव बने हैं, काफी सुधार हुआ है। इस बात पर पार्षद बिफर पड़े और उन्होंने अधिकारी से कहा कि आप मंत्री की नौकरी करते हैं क्या मौके पर जाकर देखो आज भी गांव बायल, रावता की ढाणी, पाचनौता, नारड़ी, मुसनौता व रोपड़ सराय आदि गांवों के जोहड़ में पानी तो क्या पीने तक के लिए पानी नहीं है। वहीं उन्होंने समाज कल्याण विभाग से आए अधिकारी को भी 98 बुजुर्गों की पेंशन काटने पर उनसे जमकर बहस की। इसके अलावा उन्होंने माइनिंग पर ब्लास्टिंग से घरों में हो रहा नुकसान तथा पंचायत की जमीन पर रास्ता बनाने का मुद्दा भी उठाया।
जिला परिषद की बैठक में लाइट जाने से मोबाइल जलाकर चलाया काम
जिला परिषद की बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस दौरान मौसम खराब होने की वजह से बिजली गुल हो गई। बिजली गुल हो जाने के बाद करीब पौने घंटे तक नहीं आई, जिसके चलते आधी बैठक अंधरे व गर्मी में चलती रही। जिस हॉल में जिला परिषद की बैठक हो रही थी, उसमें बिजली चले जाने से एकदम अंधेरा छा गया और अधिकारियों को कागजों को पढ़ने के लिए अपने मोबाइल की लाइट जलाकर काम करना पड़ा।
Mahendragarh-Narnaul News: पानी व पेंशन के मुद्दे पर पार्षद व अधिकारी आपस में उलझे