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फोटो नंबर-01कार्यशाला में मौजूद अधिकारी। स्त्रोत-प्रशासन
नारनौल। बाल अपराधियों के पुनर्वास और बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के उद्देश्य को लेकर शनिवार को लघु सचिवालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ नगराधीश (सीटीएम) मंजीत कुमार ने किया। कार्यशाला के दौरान इस विषय के विशेषज्ञों तथा अधिकारियों ने विस्तार के साथ चर्चा की। इस मौके पर विभिन्न प्रतिभागियों के सुझावों पर भी गहनता के साथ विचार विमर्श किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संगीता यादव ने कहा कि आधुनिकता के दौर में हमें अपनी भावी पीढ़ी को ने केवल सही दिशा दिखानी है, बल्कि उन्हें समाज में होने वाले अपराधों से भी बचाना है। उन्होंने कहा कि जेजे एवं पॉक्सो एक्ट बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें इन अधिनियमों के बारे में जागरूकता फैलाने और इन अधिनियमों के क्रियान्वयन में सुधार करने की आवश्यकता है।
विधि-सह- परिवीक्षा अधिकारी राजकुमार कोठारी ने बताया कि जेजे एक्ट (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) का उद्देश्य बाल अपराधियों के पुनर्वास और सुधार के लिए कानूनी प्रावधानों को निर्धारित करना है। इस एक्ट के तहत, बाल अपराधियों का विशेष अदालतों में मुकदमा चलाया जाता है और उन्हें सुधार केंद्रों में भेजा जाता है।
कार्यशाला में जेजे एवं पॉक्सो एक्ट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, इसमें इन अधिनियमों के प्रावधान, क्रियान्वयन और चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिया गया। नशा मुक्ति केंद्र नारनौल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोहताश सिंह रंगा ने नशा मुक्ति केंद्र नारनौल की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर डीएसपी सुरेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा, जिला बाल कल्याण अधिकारी राजेंद्र सिंह के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
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Mahendragarh-Narnaul News: जेजे और पॉक्सो एक्ट के बारे में दी जानकारी