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फोटो नंबर- 01शहरी सर्वेक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ पर ड्रोन उड़ाते हुए विधायक ओम प्रकाश यादव।
नारनौल। शहरवासियों को अब भूमि की सही पहचान करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। शहरी क्षेत्र के संपत्ति धारक लंबे समय से प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित समस्याएं झेल रहे थे, जो कि अनेक लोगों के सामने अभी भी बरकरार हैं। इन त्रुटियों के चलते लोगों के काम अटके हुए हैं। यदि जिले के पांचों शहरी निकाय की बात करे तो करीब 200 ऐसी प्रॉपर्टी है, जिनकी प्रापर्टी आईडी नहीं बनी या फिर कहे की ऑब्जेक्शन पेंडिंग है। हालांकि अभी यह प्राेजेक्ट नारनौल में ही लागू किया गया है। इससे स्वामित्व रिकॉर्ड के विवाद कम होंगे और नागरिकों के संपत्ति के अधिकार मजबूत होंगे।
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केंद्र और हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि जमीन के रिकॉर्ड पूरी तरह से डिजिटलाइज और जीआईएस मैप हो। इसका पूर्वमंत्री और नारनौल के विधायक ओम प्रकाश यादव ने लघु सचिवालय से शुभारंभ किया। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश से ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस मौके पर उपायुक्त डॉ. विवेक भारती, अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. आनंद कुमार शर्मा तथा नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी भी मौजूद थीं।
ओमप्रकाश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार का फोकस है कि जमीन के रिकॉर्ड का जल्द से जल्द डिजिटलीकरण किया जाए, ताकि त्वरित और प्रभावी शहरी योजना बनाई जा सके। इसके अलावा इससे प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन में सुधार होगा और शहरी निकायों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। वहीं संपत्ति लेनदेन और ऋण प्राप्ति भी सरल होगी। इस कार्यक्रम के बाद विधायक ओमप्रकाश यादव ने लघु सचिवालय के पीछे ड्रोन डेमोंस्ट्रेशन भी देखा। इस मौके पर डीडीपीओ हरिप्रकाश बंसल, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी दीपक गोयल तथा एक्सईएन सुंदर श्योराण के अलावा अन्य अधिकारी की मौजूद थे।
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152 शहरों में नारनौल शहर को भी किया शामिल
नारनौल शहर को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट में हरियाणा के मानेसर और पंचकूला शहर को भी शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट में 26 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह सर्वेक्षण 152 शहरों में किया जाएगा। नारनौल शहर में सर्वे आफ इंडिया और गरुड़ कंपनी इस कार्य को एक साल में पूरा करेंगी। इसके लिए 26 टीमें लगाई जाएंगी। इस सर्वेक्षण के तहत एरियल सर्वे तथा फील्ड सर्वे का एंड टू एंड एकीकरण होगा। सर्वेक्षण के लिए ड्रोन के माध्यम से उच्च कोटि के कैमरों से वीडियोग्राफी ली जाएगी।
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Mahendragarh-Narnaul News: कम होंगे स्वामित्व रिकॉर्ड के विवाद, मजबूत होंगे नागरिकों के संपत्ति अधिकार