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फोटो- 06सेंसर युक्त ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट के साथ छात्र चमन। संवाद
अरविन्द तक्षक
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नारनौल। महेंद्रगढ़ रोड स्थित राजकीय आईटीआई में चल रहे तीन दिवसीय गीता महोत्सव के अंतिम दिन आईटीआई के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के छात्र की ओर से बनाए गए ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट के डेमो ने सबको आकर्षित किया। साथ ही आगंतुकों ने छात्र चमन के डेमो को देखकर उसकी काफी सराहना भी की। चमन द्वारा बनाई गई स्ट्रीट लाइट की खासियत ये है कि रात होते ही ये स्ट्रीट लाइट अपने आप ही ऑन हो जाएगी और सुबह के समय उजाला होते ही अपने आप ही बंद हो जाएंगी।
कैसे आया विचार
चमन ने बातचीत के दौरान बताया कि ग्रामीण इलाकों में अक्सर देखा गया है कि दिन के समय में भी अधिकतर स्ट्रीट लाइट जली ही रहती हैं। बिजली कर्मचारी कई बार उनको बंद करना भूल जाते हैं। ऐसे में उसके मन में विचार आया कि अगर ऐसे कोई डिवाइस का निर्माण किया जाए कि लाइट अपने आप ही ऑन हो जाए और उजाला होते ही खुद ब खुद बंद हो जाए।
200 से 250 रुपये की आई लागत
चमन ने बताया कि जब उसके मन में यह विचार आया तो उसने अपने विभाग की अनुदेशिका पूनम यादव से विचार साझा किया। इसके बाद मेडम ने उनको ये डेमो बनाने के लिए प्रेरित तो किया ही, साथ में उनकी इस मॉडल को बनाने में मदद भी की। उन्हीं की बदौलत वे इस मॉडल को मात्र 200 से 250 रुपये में बनाने में कामयाब रहे।
सेंसर की मदद से होता है काम
इस मॉडल को बनाने के लिए एक सेंसर फिट किया गया है, जो अंधेरा व उजाला होने के दौरान ऑटोमेटिक तरीके से लाइट को ऑन व ऑफ करने का काम करता है। इसके अलावा सेंसर के साथ एक ऑटोमेटिक एलडीआर किट को भी कनेक्ट किया गया है।
बॉक्स
वाटर लेवल इंडीकेटर को भी किया गया पसंद
इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के ही रोहित व केशव ने भी वाटर लेवल इंडीकेटर नामक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल की खासियत है कि किसी भी ऊंची बिल्डिंग पर रखी पानी की टंकी में पानी भर जाने के बाद एक सायरन बजने लगता है। इससे मालूम हो जाता है कि टंकी पानी से भर गई है। ऐसे में टंकी से व्यर्थ पानी बहने की समस्या से छुटकारा तो मिलेगा ही, साथ ही पानी की बचत भी होगी।
वर्जन
बच्चों ने उक्त दोनों प्रकार के मॉडल बनाने के लिए उनके साथ विचार विमर्श किया था। इस पर बच्चों के विचारों व भविष्य में पड़ने वाली जरूरत के हिसाब से उन्होंने भी बच्चों की हरसंभव मदद की।