संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल
Updated Mon, 12 Aug 2024 01:53 AM IST
फोटो संख्या:71- गांव भगड़ाना में कथाव्यास पंडित कुलदीप भारद्वाज को सम्मानित करते ग्रामीण–स्रोत
महेंद्रगढ़। गांव भगड़ाना में श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंग का सुंदर वर्णन किया गया।
कथाव्यास पंडित कुलदीप भारद्वाज ने कहा सुदामा भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते। गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा से बार-बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं उनसे जाकर मिलों शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राह्मण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौड़कर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते। उनकी दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। भगवान श्रीकृष्ण सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। उन्होंने कहा शुक्रदेव ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई, जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। इस मौके पर अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Mahendragarh-Narnaul News: सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई