संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल
Updated Mon, 12 Aug 2024 01:55 AM IST
फोटो संख्या:61- सतनाली में आयोजित शिव महापुराण में कथा सुनाते कथाव्यास आचार्य बृजगोपाल मिश्रा
सतनाली। बाबा भैरव मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को भगवान शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाई गई। आचार्य बृजगोपाल मिश्रा ने शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में पार्वती जन्म का वर्णन किया। सती जी ने मरते समय भगवान हरि से यह वर मांगा था कि मेरा हर जन्म में शिवजी के चरणों में अनुराग रहे। इस कारण हिमाचल के घर जाकर पार्वती के रूप में प्रकट हुई। नारद जी ने हिमाचल की पुत्री का हाथ देखकर कहा कि शिवजी को छोड़कर इनका दूसरा वर नहीं हो सकता है। यदि आपकी कन्या तप करे तब भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त कर सकती है। इस दौरान पार्वती ने महान तप किया। कुछ दिन जल और वायु का भोजन किया। कठोर उपवास किया। जो वेल पत्र सूखकर पृथ्वी पर गिरते 3000 वर्षों तक उन्हीं को खाया। इससे उनका नाम उमा पड़ गया। पार्वती की तपस्या से शंकर जी भी खुश हुए और उन्होंने सप्तर्षि को पार्वती की परीक्षा लेने भेजा। ऋषियों ने पार्वती जी से कहा कि नारद के कहने में मत आओ और हट छोड़ दो। शिव-पार्वती विवाह में भक्तगण आनंद में झूमकर विवाह गीत गाने लगे।
मंदिर कमेटी के प्रधान राजेंद्र शर्मा ने कहा कि बाबा भैरव मंदिर परिसर में प्रतिदिन शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ दोपहर 1 बजे से दोपहर 4 बजे तक किया जायेगा। इस दौरान महिलाओं में ऊषा बाई, भंवरी देवी, पुष्पा मितल, किरण देवी, जागृति मितल, अभिषेक उपस्थित रहे।
Mahendragarh-Narnaul News: भगवान शिव-पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया