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फोटो संख्या:60- महेंद्रगढ़ से गुजर रही जेएनएल नहर–संवाद
महेंद्रगढ़। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार से प्रदेश में आचार संहिता लगा दी गई है। आचार संहिता लगने के कारण महेंद्रगढ़ क्षेत्र में विभिन्न विभागों की करीब 80 करोड़ रुपये की 40 से अधिक परियोजनाओं पर ब्रेक लग गया है। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही इन परियोजनाओं पर पुन: प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। पिछले एक माह से आचार संहिता से पूर्व विकास कार्याें को सिरे चढ़ाने के लिए भागदौड़ से लेकर धरना-प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल करने वाले नपा हाउस को चुनाव आयोग के इस निर्णय से झटका लगा है।
नगर पालिका में इस समय अधिकारियों की तैनाती पूरी हुई तो शहरवासियों को विकास कार्य शुरू होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को विधान सभा चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता लगाने की घोषणा कर दी। अब शहरवासियों को करीब दो माह और बदहाल सड़कों व लचर सफाई व्यवस्था से जूझना पड़ेगा।
24 करोड़ की पांच बड़ी परियोजनाओं के लिए करना होगा दो माह का इंतजा
नपा हाउस की ओर से गत 29 जुलाई से चार अगस्त तक किए गए धरना-प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल के कारण प्रदेश सरकार व स्थानीय अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति कर दी। नियुक्ति के बाद लोगों को भी उम्मीद थी कि अब तेजी से विकास कार्य हो सकेंगे लेकिन अब दो माह इंतजार करना होगा। आचार संहित लगने से पांच करोड़ रुपये से नपा के आधुनिक भवन का निर्माण, तीन करोड़ से 11 हट्टा बाजार सड़क का नव निर्माण, 9 करोड़ के डोर टू डोर कचरा उठान व सफाई व्यवस्था, पांच करोड़ से सड़कों व गलियों का निर्माण तथा 1.56 करोड़ की स्ट्रीट लाइटें लगाने के कार्याें के लिए अब और इंतजार करना होगा।
जन स्वास्थ्य विभाग की 25 करोड़ रुपये की परियोजना अटकी
बता दें कि जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव चितलांग की 11 एकड़ पंचायती भूमि पर अमृत योजना के तहत 25 करोड़ रुपये से बनाए जाने वाले जलघर के निर्माण की प्रक्रिया भी अटक गई है। यह परियोजना वर्ष 2047 तक की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी। इस समय इस परियोजना के लिए तेजी से काम चल रहा था फाइल को भी फाइन स्वीकृति मिल चुकी थी।
बिजली निगम की दो बड़ी परियोजनाएं अटकीं
वहीं बिजली निगम की ओर से शहर में पुराने तारों को बदलने के लिए एस्टीमेट तैयार किया गया था। इस एस्टीमेट को फाइनल स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार को भेजा गया था जिसे स्वीकृति भी मिल गई थी। साथ ही आकोदा सब डिविजन बनाने के लिए निगम की ओर से शुरू की गई प्रक्रिया भी अब दो माह के लिए लंबित हो गई है।
मार्केटिंग बोर्ड की 10 करोड़ी परियोजनाओं पर लगा ब्रेक
इस समय मार्केटिंग बोर्ड की ओर से करीब 10 करोड़ रुपये का बजट तैयार कर 20 से अधिक सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। लोगों को भी उम्मीद थी कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से दस साल से बदहाल सड़कों की समस्या से निजात मिलेगी। यह टेंडर प्रक्रिया भी अब आचार संहिता के कारण अटक गई है।
नहर एवं सिंचाई विभाग के 20 करोड़ के अटके कार्य
नहर एवं सिंचाई विभाग की ओर से करीब 20 करोड़ की परियोजनाओं को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इनमें क्षेत्र के करीब 60 पुलों की मरम्मत एवं नव निर्माण होना था। साथ ही नहरों के माध्यम से पाइप लाइन के सहारे ग्रामीण जोहड़ों को नहरी पानी से लबालब किया जाना था। लेकिन इन परियोजनाओं के लिए भी अब लोगों को इंतजार करना होगा।
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Mahendragarh-Narnaul News: आचार संहिता के कारण अटकीं 80 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाएं