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देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने मंगलवार को कहा कि टैक्स अधिकारियों ने पांच वित्तीय वर्षों के लिए माल और सेवा कर (जीएसटी) का कम भुगतान करने के लिए उस पर लगभग 101.95 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस लगाया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय जीवन बीमा निगम ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी को कई राज्यों के लिए ब्याज और जुर्माने के लिए संचार/मांग आदेश मिला है। इसने कहा कि यह आदेश ठाणे के आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील योग्य है।
2017-18 और 2021-22 के बीच से जुड़ा है नोटिस
खबर के मुताबिक, इसने कहा कि मांग नोटिस 2017-18 और 2021-22 के बीच पांच वित्तीय वर्षों से संबंधित है। मांग का वित्तीय प्रभाव जीएसटी, ब्याज और जुर्माने की सीमा तक है। इसने कहा कि निगम के वित्तीय, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं है।
बीमा सखी योजना में रजिस्ट्रेशन बढ़े
एलआईसी की बीमा सखी योजना में एक महीने के भीतर 50,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तीकरण के माध्यम से विकसित भारत की दिशा में एक पहल के रूप में इस योजना की शुरुआत की थी। एलआईसी ने बीते महीने कहा था कि योजना शुरू होने के एक माह पूरे होने के बाद बीमा सखी के लिए कुल रजिस्ट्रेशन आंकड़ा 52,511 पर पहुंच गया है। इनमें से 27,695 बीमा सखियों को पॉलिसी बेचने के लिए नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं और 14,583 बीमा सखियों ने पॉलिसी बेचना शुरू कर दिया है।
इससे पहले बीते महीने सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी दो प्रतिशत घटा दी। सौदे के बाद, सरकारी लौह अयस्क खनन कंपनी एनएमडीसी में एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 5.6 प्रतिशत रह गई है, जो पहले 7.6 प्रतिशत थी। एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने सितंबर, 2023 से दिसंबर, 2024 तक की अवधि में बाजार बिक्री की एक शृंखला के माध्यम से एनएमडीसी में 5.91 करोड़ से अधिक शेयर यानी दो प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है।

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LIC को मिला ₹101.95 करोड़ का जीएसटी डिमांड नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला – India TV Hindi