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How to stay safe from KYC scams: देश में बढ़ते साइबर क्राइम से देश के लोगों को रोजाना करोड़ों रुपये गंवाने पड़ते हैं. साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को निशाना बनाते हैं और उनकी मेहनत की कमाई को चुटकियों में साफ कर देते हैं. हालिया दिनों में KYC (नो योर कस्टमर) अपडेट करने के नाम पर भी कई लोगों से धोखाधड़ी हुई है. KYC बैंकों और अन्य संस्थानों के लिए अपने कस्टमर्स की पहचान वेरिफाई करने की एक प्रक्रिया है. इसकी कमियों का फायदा उठाकर जालसाल लोगों को चुना लगा रहे हैं.
कैसे हो रही है KYC के नाम पर धोखाधड़ी?
साइबर जालसाज किसी की पर्सनल जानकारी या फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर अकाउंट बनाकर लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं या कोई गैर-कानूनी ट्रांजेक्शन कर रहे हैं. इनके अलावा ये किसी की फोटो से छेड़छाड़ कर फर्जी डॉक्यूमेंट बना लेते हैं या किसी की निजी जानकारी जुटाकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे होता ये है कि लोगों को पता भी नहीं चलता और उनके नाम या उनके अकाउंट से गैर-कानूनी काम हो रहे होते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें आगे चलकर भुगतना पड़ सकता है.
ऐसी धोखाधड़ी से कैसे बचें?
बढ़ते साइबर क्राइम के बीच अलर्ट रहना बहुत जरूरी हो गया है. अगर कोई व्यक्ति आपसे अकाउंट डिटेल या KYC से संबंधित जानकारी मांग रहा है तो उसके संस्थान से वेरिफाई किए बगैर कोई भी जानकारी न दें. कोई भी बैंक या अन्य संस्थान अपने ग्राहकों से OTP, पासवर्ड और PIN नंबर नहीं पूछते. आजकल पुलिस अधिकारी बनकर निजी जानकारी मांगने के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसी किसी भी कॉल के दौरान संयम से काम लें और निजी जानकारी शेयर न करें. अनवेरिफाईड सोर्स से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें और पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आधार और PAN संख्या आदि शेयर न करें.
अगर आप साइबर क्राइम के शिकार हो गए हैं तो तुरंत साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करें.
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