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कुरुक्षेत्र। मारकंडा नदी में चल रहे उफान की मार में आए 20 से ज्यादा गांवों के हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं। बुधवार को भी कई-कई फीट खेतों व सड़कों पर जलभराव रहा। कठवा, पट्टी जामड़ा सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की मार पड़ी है जबकि कई अन्य गांवों पर देर रात तक खतरा मंडराता रहा। इससे जहां लोगों में भय बना हुआ है, वहीं प्रशासन मददगार के तौर पर पूरी तरह से अलर्ट है। जलभराव से अनेक सड़कें जलमग्न हैं, जहां से ट्रैक्टर ही निकलने का सहारा बने हुए हैं। लोगों के कामकाज ठप से हो गए हैं और करीब 10 हजार एकड़ से ज्यादा फसल में 100 फीसदी तक नुकसान माना जा रहा है।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा का कहना है कि मारकंडा के खतरे के निशान से ऊपर पानी निकलने से कुछ क्षेत्र की आबादी में आए पानी को पंप के माध्यम से निकाला जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासन ने पानी बढ़ने पर आबादी को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की योजना तय कर दी है। उन्होंने कहा कि शाहाबाद क्षेत्र में लगाई गई एसडीआरएफ टीम को नाव के साथ तैनात किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर बिना किसी देरी के प्रयोग किया जा सके।
सीनियर अधिकारियों को फील्ड में उतारा हुआ है, जो तय क्षेत्रों की निर्धारित समय अवधी में रिपोर्ट कर रहे हैं। उसी रिपोर्ट के आधार पर प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आबादी के क्षेत्र में पानी ज्यादा होने पर लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही पशुओं की निगरानी भी की जा रही है। संबंधित विभाग को पशुओं के लिए चारा, दवा व अन्य व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है।
लोगों को पहुंचाने के लिए धर्मशाला, मंदिर चिन्हित
उपायुक्त ने कहा कि जिन परिवारों के घरों की छत कमजोर हैं। ऐसे परिवारों के लिए प्रशासन की ओर से नजदीक के मंदिर, धर्मशाला, कम्युनिटी हॉल सहित अन्य सुरक्षित स्थानों को चिन्हित किया गया है। ऐसी हालात में जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन के आग्रह पर परिवार सहित शिफ्ट हों। उन्होंने कहा कि बरसात के रुकते ही स्थिति नियंत्रण में होती रहेगी।
हालात नियंत्रण में लेकिन सतर्कता जरूरी : डीसी
उपायुक्त का कहना है कि जिले में अभी तक स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। प्रशासन ने हर प्रकार की व्यवस्था के उचित प्रबंध किए हुए हैं। नागरिक प्रशासन का सहयोग करें। किसी भी सूचना पर सकते में न आएं। कंट्रोल रूम में किसी कारण से संपर्क नहीं होता या समय पर कोई एक्शन नहीं हो रहा हो तो नागरिक उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक व अन्य उच्च अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।
प्रभावित गांवों में टैंकरों से उपलब्ध करवाया जाने लगा पीने का पानी
जलभराव से प्रभावित गांवों में पीने के पानी को जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से टैंकरों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाने लगा है, ताकि पानी से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रभावित गांवों में से पानी को सेंपल लेने शुरू कर दिए हैं।
बिल और बच्चों की फीस के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
उपायुक्त के समक्ष गांव तंगौर के नागरिकों और सरपंच सचिन ने मांग रखी कि जल प्रभाव से तंगौर ही नहीं आसपास के गांव प्रभावित हैं, ऐसे में लोगों को नुकसान होने के साथ-साथ गांव से बाहर जाने में परेशानी आ रही है। ऐसी स्थिति में बिजली विभाग के अधिकारियों और निजी स्कूलों के संचालकों को बच्चों की फीस के लिए तंग न करने की बात रखी। उपायुक्त ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सितंबर माह तक बिल भरने के लिए राहत दी जाए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल संचालकों से बात कर फीस भरने के लिए राहत दें।
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Kurukshetra News: 20 से ज्यादा गांवों में जन-जीवन थमा, स्कूल-कॉलेज बंद


