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कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रविवार को स्टेटिस्टिक्स एंड ऑपरेशंस रिसर्च विभाग की ओर से एलुमनी मीट स्मृतिगंध 2.0 का आयोजन किया गया। इस दौरान विवि के पूर्व छात्रों ने कहा कि भले ही समय, जरूरत, हालात व कॅरिअर के चलते कर्म भूमि यूएसए व चाइना बन गए हैं लेकिन दिल पर आज भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय छाया हुआ है। विश्वविद्यालय के परिसर में बिताए लम्हे आज भी ज्यों के त्यों याद हैं। यहां के शिक्षकों की ओर से दिखाई गई राह के चलते ही विदेशी धरती पर कामयाबी की ओर कदम बढ़ पाए हैं।
मीट में अनेक पूर्व छात्र ऑनलाइन जुड़े और कार्यक्रम में 150 से ज्यादा पूर्व छात्र शामिल हुए और सभी ने विभाग के सुनहरे दिनों को याद करते हुए भावपूर्ण अनुभव साझा किए। विभाग की यात्रा और उपलब्धियों को दर्शाने वाली एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री भी प्रस्तुत की गई जिसने सभी को पुराने समय की मधुर यादों में डुबाे दिया।
कुलपति बोले- एलुमनी हमारे विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय की सच्ची पहचान उसके एलुमनी होते हैं, वे विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर होते हैं। विश्वविद्यालय का गौरव इस बात में है कि इसके विद्यार्थी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उन्होंने वर्तमान शिक्षा परिदृश्य में सांख्यिकी, रिसर्च, एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के इस आधुनिक युग में सांख्यिकी की भूमिका अत्यंत अहम हो गई है। एआई की पूरी नींव डेटा पर आधारित होती है और उस डेटा को समझने, विश्लेषण करने और उससे सार्थक निष्कर्ष निकालने का कार्य सांख्यिकी के माध्यम से ही संभव है। कुलपति ने कहा कि स्मृति गंध 2.0 जैसे आयोजन केवल पुनर्मिलन नहीं बल्कि ज्ञान, विचार और अनुभव के आदान प्रदान के मंच हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. एमएस कादियान ने कहा कि एलुमनी किसी भी संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं। उनका अनुभव और मार्गदर्शन वर्तमान छात्रों के लिए अमूल्य है।
पूर्व छात्र बोले- विश्वविद्यालय व वर्तमान छात्रों के लिए हमेशा तत्पर
कार्यक्रम में यूएसए से 1984-86 बैच के एमएससी के छात्र डॉ. परमजीत सिंह विर्क ऑनलाइन जुड़े। यहीं से पीएचडी भी की और यूएसए में स्वास्थ्य क्षेत्र में कॅरिअर बनाया। वहीं चीन से प्रो. ब्रिज मोहन जुड़े, जो 2007-09 बैच के छात्र रहे और एमएससी की। वर्तमान में चीन के विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर रिसर्च कर रहे हैं। वहीं 1986-88 में विभाग के छात्र रहे अजय छाबड़ा भी यूएसए से जुड़े। एनएसओ इंफाल में डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात डॉ. केएम मनाओ, आईबीएम में तैनात मोहित मान व प्रदेश सरकार में एचपीएससी सचिव एवं आईएएस मुकेश आहूजा व कई अन्य पूर्व छात्र भी ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव, तकनीकी कौशल और ग्लोबल मार्केट में बढ़ते अवसरों पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में मिली शिक्षा और वातावरण ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे विश्वविद्यालय व विभाग की ओर से दिए माहौल को नहीं भूला सकते। विश्वविद्यालय व वर्तमान छात्रों के सहयोग के लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे।
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एआई और स्टैटिस्टिकल मॉडलिंग आने वाले वर्षों का भविष्य
डायरेक्टर वूर्टजाइट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं पूर्व छात्र हरिश कुमार ने कहा कि डाटा एनालिटिक्स, एआई और स्टेटिस्टिकल मॉडलिंग आने वाले वर्षों का भविष्य है। आज इंडस्ट्री स्किल्ड डेटा प्रोफेशनल्स की तलाश में है और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्र इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने छात्रों को नवाचार, सीखने और नई तकनीकों को अपनाने की प्रेरणा दी। विभाग के वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षकों प्रो. एनके जैन, प्रो. आरएल गर्ग, प्रो. एसडी शर्मा ने भी विभाग की स्थापना, संघर्ष और उपलब्धियों के प्रेरक किस्से सुनाए। कुटा अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रो. एलुमनी एसोसिएशन के निदेशक प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. परमेश कुमार, प्रो. दीपक राय बब्बर, डॉ गुरचरण सिंह, डॉ. जोरावर, डॉ. सत्यभूषण, संजय चौधरी, हरमुनीश तनेजा, नवदीप, अनुज, नीता, विजय, विनोद शर्मा आदि मौजूद रहे।
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Kurukshetra News: विदेशों से जुड़े एलुमनी बोले- विश्वविद्यालय के लिए हमेशा तत्पर


