50 bed hospital hanging, waiting for additional budget
– फोटो : Kurukshetra
कुरुक्षेत्र/पिहोवा। सीएम की घोषणा के ढाई साल बाद भी पिहोवा का 50 बेड वाला नवनिर्मित सब डिवीजनल अस्पताल (एसडीएच) शुरू नहीं हो पाया। इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम होना पड़ रहा बल्कि इसका नवनिर्मित भवन भी खस्ता होने लगा है। उधर, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अस्पताल के भवन का निर्माण पूरा हो चुका है, मगर स्वास्थ्य विभाग ही अस्पताल को अपने अधीन करने से इनकार कर रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि पीडब्ल्यूडी का निर्माण नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है।
दोनों विभाग की आपसी तनातनी के कारण अस्पताल के भवन के साथ अन्य निर्माण अपना वजूद खोने लगे हैं। यहां तक की अस्पताल में चोरी की घटनाएं भी बढ़ने लगी है। कुछ समय पहले चोर अस्पताल से बिजली की कॉपर तार चुरा ले गए थे वहीं अस्पताल की खिड़कियां और दरवाजे सहित अन्य सामान भी चोरी हो चुका है। अस्पताल की ओर जाने वाले रास्ते पर लगे ब्लॉक उखड़ने लगे हैं। कहीं जगह से जमीन बैठ चुकी है तो आसपास के लोगों ने सड़क के किनारे बनी बाउंड्रीवॉल को तोड़कर अवैध रास्ते बना लिए हैं। वहीं अस्पताल के अंदर की हालत भी खस्ता होने लगी है।
चोरी की वारदात को देखते हुए पीडब्ल्यूडी की ओर से रात को चौकीदार नियुक्त किया गया है, वहीं दिन के समय अस्पताल के दोनों मुख्य गेट पर अंदर से ताले लटके हुए हैं। परिसर में घास भी उग आई है वहीं भवन पर प्लास्टर और पेंट भी उतरने लगा है। बता दें करीब ढाई साल पहले सीएम मनोहर लाल ने पिहोवा में 50 बेड के एसडीएच बनाने का एलान किया था, जिस पर 18 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट घोषित किया था। इसके निर्माण का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को दिया गया था। निर्माण का दो साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल पर ताला लटका हुआ है वहीं सीएम अस्पताल में पार्किंग और मोर्चरी बनाने की घोषणा भी कर चुके हैं, मगर अभी पहला कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है।
मानकों पर खरा नहीं उतर रहा अस्पताल
बताया जाता है कि अस्पताल एनएबीएच के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। इन मानकों के मुताबिक अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी रूम, लैब, शिशु और डिलीवरी वार्ड का फ्लोर सीमलेस होना चाहिए। दरअसल, सीमलेस फ्लोर पर बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं। अस्पताल में सीमलेस फ्लोर की बजाय अन्य सामग्री से निर्मित फ्लोर बनाया गया है।
पीडब्ल्यूडी ने मांगा अतिरिक्त बजट
जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने सीमलेस फ्लोर के लिए स्वास्थ्य विभाग से करीब चार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट मांगा है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर अनुमति मांगी है। फिलहाल यह मामला स्वास्थ्य विभाग महानिदेशक के पास लंबित है।
पीडब्ल्यूडी को स्वास्थ्य विभाग भेज चुका 10 बार रिमाइंडर : कल्सन
पिहोवा अस्पताल के एसएमओ डॉ. ललित कल्सन ने बताया कि अस्पताल में सीमलेस फ्लोर के लिए विभाग की ओर आठ से 10 बार रिमाइंडर भेजा गया है। एसडीएम, सीएमओ, आईएएस अधिकारी सहित राज्यमंत्री संदीप सिंह कई बार अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं। विभाग इस अस्पताल को अपने अधीन लेने को तैयार है, मगर पीडब्ल्यू ने अस्पताल का निर्माण स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुसार नहीं किया है।
.