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कुरुक्षेत्र। पीजीआई रोहतक के विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेका कर्मचारी वीरवार देर रात को रोहतक से रिहा होते ही रातों-रात दोबारा कुरुक्षेत्र पहुंच गए। कर्मचारी रोडवेज बसों और ट्रेन के माध्यम से यहां आए और सीएम आवास के आस-पास नारेबाजी करते हुए सड़कों पर भटकते रहे। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आधी रात को ही नारेबाजी की।
सीएम आवास पर पहुंचते ही पहले से चौकस पुलिस ने अलसुबह प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। वहीं वीरवार को हंगामे के चलते करीब 100 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी कर्मचारियों को पुलिस लाइन में बैठाया गया लेकिन मोर्चे के प्रधान का दोपहर तक पता नहीं लग सका कि उन्हें किस थाने में रखा गया है।
इस कारण कर्मचारियों में असंतोष और रोष गहराने लगा। बाद में प्रधान अभिषेक को भी पुलिस लाइन में ले जाया गया। पुलिस लाइन में पूरा दिन बैठाए रखा और शाम तक जिला प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते रहे।
समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा और अधिकारियों व प्रदर्शनकारियों के बीच कोई भी वार्ता सफल नहीं हो पाई।
भाकियू भी समर्थन में उतरी, दिया अल्टीमेटम : कर्मचारी पीजीआई में ठेकेदार के तहत कार्यरत 1271 कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) से जोड़ा जाए और उन्हें रोजगार गारंटी उपलब्ध करवाई जाने की मांग पर अडिग है। प्रदर्शनकारियों की मांग पर बल देते हुए भाकियू चढ़ूनी गुट भी कर्मचारियों के समर्थन में सामने आया और प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि उनकी मांगें पूरी की जाएं और हिरासत में लिए गए कर्मचारियों को तुरंत छोड़ दिया जाए। प्रदर्शनकारियों ने वार्ता के दौरान अधिकारियों को दो टूक कहा कि उन्हें न्याय और स्थायी रोजगार गारंटी की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज व बड़ा होगा।
कुरुक्षेत्र। पुलिस लाइन के गेट पर तैनात पुलिसकर्मी। संवाद
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Kurukshetra News: रोहतक से रिहा होने के बाद रात में ही पीजीआई ठेका कर्मचारी पहुंचे कुरुक्षेत्र


