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कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में दूसरे दिन पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी और पवित्र ब्रह्मसरोवर कला एवं संस्कृति का संगम बना रहा। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों की प्रस्तुतियों से ब्रह्मसरोवर के घाट गूंज उठे। सुबह से देर शाम तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं जिनका पर्यटकों ने जमकर लुत्फ उठाया। रविवार को छुट्टी के चलते उमड़ी भीड़ से देशभर से आए शिल्पकारों के चेहरे भी बेहतर कारोबार की उम्मीद से खिले रहे।
ब्रह्मसरोवर की फिजा में अलग-अलग प्रदेशों के सांस्कृतिक रंगों की महक लेकर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र की तरफ से छह प्रदेशों के कलाकार पहुंचे हैं। महोत्सव में 5 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर के घाटों पर एनजेडसीसी के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इसके लिए चार बैचों में महोत्सव के शेड्यूल को बांटा गया है ताकि पर्यटकों का लगातार भरपूर मनोरंजन किया जा सके।
इन राज्यों के कलाकारों ने बिखेरे जलवे
महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को हिमाचल प्रदेश के 15 कलाकारों ने लुड्डी नृत्य व गिद्दा, राजस्थान के 11 कलाकारों ने कालबेलिया, लांगा गायन व भवई नृत्य की प्रस्तुति दी, जम्मू-कश्मीर के 15 कलाकारों ने डोगरी व जागरना, पंजाब के 15 कलाकारों ने भांगड़ा, जिंदवा व झूमर और उत्तराखंड के 15 कलाकारों ने छपेली, गसीयारी नृत्य की प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 13 कलाकारों ने मानरा नृत्य व अवध की होली से समा बांधा। पंजाब से बाजीगर ग्रुप और राजस्थान के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं जिसे देख पर्यटक गदगद हो उठे। मुख्य कार्यक्रम शुरू होने तक महोत्सव के दौरान 101 कलाकार ब्रह्मसरोवर की फिजा में कला एवं संस्कृति के रंग बिखरेंगे।
25 से 29 नवंबर तक ये रहेंगी प्रस्तुतियां
महोत्सव में 25 नवंबर से 29 नवंबर तक हिमाचल प्रदेश के कलाकार झमकदा, उत्तराखंड के कलाकार बरसाना की होली व ठाडिया चौफला, महाराष्ट्र के कलाकार सोंगी मुखवाटे, त्रिपुरा के कलाकार होजागिरी, छत्तीसगढ़ के कलाकार पांथी, गौड मारिया व पांडवानी गायन, जम्मू-कश्मीर के कलाकार राउफ और पंजाब के कलाकार गतका की प्रस्तुतियां देंगे।
तीसरा बैच 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक रहेगा जिसमें उत्तर प्रदेश के कलाकार डेदिया, मध्यप्रदेश के कलाकार गुडुम बाजा, लद्दाख के कलाकार जबरो व फ्लावर डांस, गुजरात के कलाकार गरबा, झारखंड के कलाकार पुरलिया चाहु, मणीपुर के कलाकार पूंग चूलम, ढोल चूलम व थांगाटा, सिक्किम के कलाकार तमांग सेलो व नेपाली नृत्य, ओडिसा के कलाकार घुगकुडु व संबलपुरी नृत्य और मेघालय के कलाकार वांगला नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे।
1 से 5 दिसंबर तक ये कलाकार भरेंगे रंग
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि चौथे बैच में कलाकार 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक अपनी-अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे जिनमें पंजाब के कलाकार झूमर, जम्मू-कश्मीर के कलाकार धमाली और पंजाब का बाजीगर ग्रुप अपनी प्रस्तुतियां देगा। इस प्रकार चारों बैचों में लगभग 450 कलाकार अपनी सांस्कृतिक विधाओं के माध्यम से पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे।
कुरुक्षेत्र। अवध की होली लोकनृत्य की प्रस्तुति देते उत्तरप्रदेश कलाकार। संवाद
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Kurukshetra News: राजस्थान, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब के कलाकारों ने मचाया धमाल


