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कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित सातवें हरियाणा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्में युवाओं के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए भी प्रभावित कर रही हैं। युवा जब फिल्मी अभिनेताओं से अनुभवों को सुनते हैं तो वे उनके जीवन से प्रभावित होकर कुछ कर गुजरने का जज्बा पालते हैं। इसी के साथ समाज के विभिन्न पहलुओं पर बनी यह फिल्में जहां सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करती हैं तो वहीं समाज के फैली बुराईयों, कुरीतियों, विसंगतियों, पाखंड, द्वेष, ईर्ष्या भाव सहित अन्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
फिल्म महोत्सव में दिखाई गई प्रसिद्ध हास्य व प्रेरणादायक फिल्म थ्री इडियट ने युवाओं को जीवन में वह कार्य या प्रोफेशन चुनने के लिए प्रेरित किया जो उनका लक्ष्य है। पूरी फिल्म इसी भाव के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दिखाया गया है कि तीन युवा आईआईटी में दाखिला लेते हैं, उनमें से एक तो बचपन से ही अति प्रतिभावान होता है जबकि दूसरा इंजीनियर की बजाए फोटोग्राफर बनने की इच्छा रखता है और तीसरा भी अपने माता-पिता की इच्छा के लिए पढ़ने के लिए आया था। इस फिल्म के माध्यम से छात्रों को संदेश दिया गया कि छात्र जो कार्य करें वो पूरी ईमानदारी, लगन, निष्ठा के साथ करना चाहिए।
पर्शिया देश की ईरानी भाषा में निर्मित शाॅर्ट फिल्म आर यू वॉलीबाल के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया कि खेल हर दूरी व द्वेष को खत्म कर देता है। खेलने से लोगों में आपसी प्रेम, सद्भावना व भाईचारे की भावना पैदा होती है। मोहम्मद बख्शी के द्वारा निर्देशित इस फिल्म में छोटे बच्चे किस प्रकार से फुटबॉल के माध्यम से खेल शुरू करते हैं और सेना के जवानों के साथ वॉलीबाल का जो सामूहिक मैच लगता है वह सब में प्रेम की भावना का संचार कर देता है। कुणाल श्रीवास्तव द्वारा निर्मित हिंदी शाॅर्ट फिल्म मर्चेंट ऑफ विनाशना में भोपाल गैस त्रासदी के बारे में दिखाया गया है। इसी के साथ महिलाओं को समर्पित फिल्मों को दिखाकर अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया गया।
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Kurukshetra News: युवाओं को सिनेमा करने के लिए प्रभावित कर रहा फिल्म महोत्सव