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Kurukshetra News: मोबाइल के कारण खत्म हो रही स्मृति क्षमता Latest Haryana News

Kurukshetra News: मोबाइल के कारण खत्म हो रही स्मृति क्षमता Latest Haryana News


करनाल। मोबाइल के बढ़ते प्रयोग के कारण आजकल बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग तक अपने दिमाग का कम इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में यही निरंतरता बढ़कर स्मृति क्षमता पर असर डाल रही है और यह अल्जाइमर यानी डिमेंसिया बीमारी का रूप धारण कर रही है हालांकि यह वंशानुगत रोग भी है। जिला नागरिक अस्पताल में मनोरोग ओपीडी पर नजर डाले तो रोजाना ओपीडी में इस तरह के 40 मरीज पहुंच रहे हैं। जिन्हें डॉक्टर मोबाइल से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं।

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विशेषज्ञ डॉ. मनन गुप्ता ने बताया कि नागरिक अस्पताल में आने वाले रोगियों में 30 वर्ष की आयु वर्ग के लोग भी इस रोग की चपेट में आ रहे है। यह इस बात का संकेत है कि दिमाग की कोशिकाएं मर रही हैं। दिमाग में एक सौ अरब कोशिकाएं होती हैं। हर कोशिका बहुत सारी अन्य कोशिकाओं से संवाद कर एक नेटवर्क बनाती हैं और इस नेटवर्क का काम विशेष होता है।

कुछ सोचती हैं, सीखती हैं और याद रखती हैं। अन्य कोशिकाएं हमें देखने, सुनने, सूंघने आदि में मदद करती हैं। इसके अलावा अन्य कोशिकाएं हमारी मांसपेशियों को चलने का निर्देश देती हैं। शरीर को चलते रहने के लिए समन्वय के साथ बड़ी मात्रा में आक्सीजन और ईंधन की जरूरत होती है। अल्जाइमर रोग यानी भूलने की बीमारी में कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं।

ये हैं लक्षण

याददाश्त की कमी होना छोटी-छोटी बातें याद न रहना। बोलने में दिक्कत आना। रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली भी कारणों में शामिल है। यादाश्त खोना छोटी और बड़ी बातें याद न रहना। सामान्य कामकाज करने में कठिनाई। निर्णय लेने में कठिनाई या गलत निर्णय, गर्मी में बहुत से कपड़े या ठंड में काफी कम कपड़े। चीजों को गलत स्थान पर रखना। स्वभाव में बदलाव, अकारण ही रोने या गुस्सा करना। संदेह करनेवाला, भयभीत या किसी पर अत्यधिक निर्भर।

इन उपायों से करें सुधार

मनोरोग विभाग से काउंसलर डॉ. संतोष ने बताया कि कम उम्र से ही नियमित व्यायाम, सुपाच्य भोजन, ताजे-मौसमी फलों के सेवन की आदत डलवाएं। खुश रहें और आसपास का माहौल ऊर्जावान बनाने की कला विकसित करें। उम्र बढ़ने के साथ बीच बीच में बी-12 की जांच कराते रहें और डाक्टर की सलाह पर पूरक विटामिन-मिनरल लें। मानसिक व्यायाम के लिए पहेली हल करने समेत नई भाषा या कला आदि सीखें। शराब से दूर रहे और पूरी नींद लें। बीच-बीच में उपवास करने से कब्ज नहीं होता और अल्जाइमर की आशंका कम होती है।

जो लोग दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भूलने का रोग नहीं होता है। बुजुर्गों की उपेक्षा, मानसिक तनाव, विटामिन बी की कमी अनुवांशिकता आदि इसके प्रमुख कारण हैं। दिमाग जब सिकुड़ जाता है तो यह स्थिति पैदा होती है। बेहतर खान-पान और व्यायाम सहित दिमाग के ज्यादा इस्तेमाल से इस रोग से बचा जा सकता है। – डॉ. मनन गुप्ता, मनोरोग विशेषज्ञ, नागरिक अस्पताल, करनाल।


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