वियतनाम के शिल्पकारों की ओर से बनाई गई पेटिंग। संवाद
– फोटो : Kurukshetra
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां 23 राज्यों की शिल्पकला पर्यटकों के मन भा रही है वहीं पर वियतनाम से आए कलाकार डिक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बने हैं। वह एक ऐसी कला भारत वासियों के समक्ष लाए हैं, जिसे देख हर कोई हैरान है। इन तस्वीरों में भारत और वियतनाम के संस्कृति का अद्भुत मिलन दर्शाया गया है।
वह तस्वीरों को लकड़ी पर बनाकर समुद्री शैल को मेल्ट करके उसमें फिलिंग करते हैं। वह काफी समय तक इन तस्वीरों को पानी मे भिगोकर रखते है जिसके द्वारा वह पेंटिंग रात के अंधेरे में चमकती है। प्रत्येक तस्वीर का अपना ही विशेष महत्व है, जिसमें से एक तस्वीर सात घोड़ों की है, जिसे वास्तु शास्त्र के नाम पर शुभ माना जाता है। सात घोड़ों की पेंटिंग सफलता, शक्ति, प्रगति, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
वे शक्ति, साहस, शक्ति, शांति, स्थिरता और वफादारी के सच्चे प्रतीक हैं और माना जाता है कि वे जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मकता बढ़ाते हैं। इसके अलावा वह गांव की संस्कृति, ऐतिहासिक घटना जैसे विषयों के बारे में चित्रित करते हैं। वह छह सालों से यह काम कर रहे है। पेंटिंग की कीमत उसके रंग, आकार और उसकी गुणवत्ता के अनुसार बढ़ते रहते हैं। वह तस्वीरों के अलावा अन्य वस्तु भी बनाते है, जिनमें ज्वेलरी बॉक्स, मुर्तिया, शोपीस, चप्पल आदि शामिल है।
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कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां 23 राज्यों की शिल्पकला पर्यटकों के मन भा रही है वहीं पर वियतनाम से आए कलाकार डिक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बने हैं। वह एक ऐसी कला भारत वासियों के समक्ष लाए हैं, जिसे देख हर कोई हैरान है। इन तस्वीरों में भारत और वियतनाम के संस्कृति का अद्भुत मिलन दर्शाया गया है।
वह तस्वीरों को लकड़ी पर बनाकर समुद्री शैल को मेल्ट करके उसमें फिलिंग करते हैं। वह काफी समय तक इन तस्वीरों को पानी मे भिगोकर रखते है जिसके द्वारा वह पेंटिंग रात के अंधेरे में चमकती है। प्रत्येक तस्वीर का अपना ही विशेष महत्व है, जिसमें से एक तस्वीर सात घोड़ों की है, जिसे वास्तु शास्त्र के नाम पर शुभ माना जाता है। सात घोड़ों की पेंटिंग सफलता, शक्ति, प्रगति, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
वे शक्ति, साहस, शक्ति, शांति, स्थिरता और वफादारी के सच्चे प्रतीक हैं और माना जाता है कि वे जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मकता बढ़ाते हैं। इसके अलावा वह गांव की संस्कृति, ऐतिहासिक घटना जैसे विषयों के बारे में चित्रित करते हैं। वह छह सालों से यह काम कर रहे है। पेंटिंग की कीमत उसके रंग, आकार और उसकी गुणवत्ता के अनुसार बढ़ते रहते हैं। वह तस्वीरों के अलावा अन्य वस्तु भी बनाते है, जिनमें ज्वेलरी बॉक्स, मुर्तिया, शोपीस, चप्पल आदि शामिल है।
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