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कुरुक्षेत्र। सन्निहित सरोवर के पास सड़क पर खड़ा बेसहारा गोवंश। संवाद
कुरुक्षेत्र। बड़े-बड़े दावे और कई बार प्रयास के बावजूद भी धर्मनगरी की सड़कें पशु मुक्त नहीं हो पाईं। आज भी सड़कों पर 600 से ज्यादा गोवंश घूम रहे हैं, जिनसे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। प्रशासन इन गोवंश को रखने के लिए जगह की तलाश नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते पिछले एक सप्ताह से पशु मुक्त सड़क किए जाने का अभियान ठप पड़ा है। अब यह अभियान कब शुरू होगा, इसका जवाब भी किसी अधिकारी के पास नहीं है।
पिछले माह ही धर्मनगरी के पटेल नगर न्यू कॉलोनी में सड़क पर घूम रहे गोवंश ने बुजुर्ग महिला को पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना से प्रशासन में हलचल मच गई थी तो आनन-फानन सड़कें पशु मुक्त किए जाने के दावे भी किए गए लेकिन ये दावे आज तक हकीकत नहीं बन सके जबकि बुजुर्ग महिला की मौत के बाद कईं और लोग भी गोवंश की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें भाजपा नेता फतेहचंद गांधी भी शामिल है।
300 गोवंश ही पहुंचाई जा सकी गोशाला
बुजुर्ग महिला की मौत के बाद मची हलचल के बीच नगर प्रशासन ने वाह फाउंडेशन को सड़कें पशु मुक्त किए जाने का काम सौंपा। इस फर्म ने भी गत 29 जुलाई को ही पशुओं को सड़कों से हटाने का अभियान शुरू कर दिया। हालांकि 300 से ज्यादा गोवंश विभिन्न गोशालाओं में पहुंचाए गए लेकिन क्षमता पूर्ण होने पर गोशाला संचालकों ने भी हाथ खड़े कर दिए। अब जगह न मिल पाने के चलते पिछले करीब एक सप्ताह से यह अभियान भी ठप पड़ा है।
पंचायतों से जमीन को लेकर चर्चा
गोशालाएं फुल हुई तो सड़कों से हटाए जाने वाले गोवंश को रखने के लिए ग्राम पंचायतों से जमीन दिए जाने को लेकर संपर्क किया गया। हालांकि प्रशासनिक तौर पर दो-तीन बार बैठक भी हुई, लेकिन आज तक बात सिरे नहीं चढ़ पाई। यहां तक कि श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के गांव फतुहुपुर स्थित खाली परिसर को भी अस्थायी तौर पर इसके लिए प्रयोग किए जाने पर विचार हुआ लेकिन यह भी आगे नहीं बढ़ पाया।
जिले की 23 गोशालाओं में हैं नौ हजार गोवंश
जिले भर में 23 गोशालाएं हैं, जिनमें नौ हजार गोवंश है। कुरुक्षेत्र शहर में ही सात गोशालाएं हैं। पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ. जसबीर सिंह का कहना है कि सभी गोशालाओं में क्षमता अनुसार गोवंश है जहां और गोवंश नहीं छोड़े जा सकते। अब सड़कों पर घूम रहे गोवंश के लिए प्रशासन को जगह का समाधान करना होगा।
नप ने सौंप दिया जिम्मा : यादव
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी अभय यादव का कहना है कि नप की ओर से वाह फाउंडेशन को सड़कों से पशु हटाने का जिम्मा सौंपा जा चुका है। अब यह काम फाउंडेशन और पशुपालन विभाग का है कि आखिर गोवंश का कहां छोड़ा जाए। उधर वाह फाउंडेशन के प्रतिनिधि एडवोकेट जसबीर सिंह का कहना है कि जगह न मिल पाने के चलते एक सप्ताह से पशु पकड़े जाने का काम रोका हुआ है। जैसे ही प्रशासन की ओर से जगह मुहैया कराई जाएगी गोवंश वहां छोड़ने का अभियान फिर शुरू कर दिया जाएगा।
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Kurukshetra News: बेसहारा गोवंश को रखने के लिए जगह का संकट, प्रशासन नहीं निकाल पा रहा समाधान