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“_id”:”673fa95e04d509a59e0b1aa4″,”slug”:”farmers-disappointed-due-to-fall-in-prices-of-fine-variety-of-paddy-kurukshetra-news-c-45-1-sknl1005-127200-2024-11-22″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Kurukshetra News: बारीक किस्म की धान के मूल्यों में गिरावट से किसान मायूस”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
इस्माईलाबाद। अनाज मंडी में बिकने के लिए पहुंची बारीक धान। संवाद
इस्माईलाबाद। पीआर किस्म के धान का सीजन समाप्त हो चुका है लेकिन अनाजमंडी में बारीक किस्म के धान की आवक जोरों पर है। पीआर किस्म के धान की तरह किसानों को बारीक किस्म के धान में भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है, जिससे किसानों को इस वर्ष काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान प्रेम, अनिल, राजेश शर्मा, सौरव, संजीव आदि ने बताया कि इस वर्ष पीआर किस्म के धान को बेचने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इसके अलावा पीआर किस्म के धान की निकासी कम रहने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। किसानों को उम्मीद थी कि बारीक किस्म के धान के अच्छे भाव मिलने से इसकी भरपाई हो जाएगी।
लेकिन इस वर्ष बारीक किस्म के धान के भाव व निकासी पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। किसानों ने बताया कि इस वर्ष बासमती किस्म की धान का भाव 5000 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। निकासी भी 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ तक निकल रही है वहीं यही धान पिछले वर्ष 5500 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका था। इस तरह किसानों को प्रति एकड़ 10 से 12 हजार रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। उधर राइस मिल एसोसिएशन के प्रधान राजेश कंसल व पुरुषोत्तम कंसल का कहना है कि पिछले वर्ष धान के सीजन में बारीक किस्म के धान के अच्छे दाम मिल रहे थे लेकिन सीजन के बाद से चावल के मूल्यों में भारी गिरावट है जो इस वर्ष भी जारी है। उन्होंने बताया कि चावल के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की मांग पर निर्भर करता है। इस वर्ष भी चावल की मांग अधिक नहीं है जिसके चलते बासमती धान के अच्छे भाव नहीं मिल रहे है।
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Kurukshetra News: बारीक किस्म की धान के मूल्यों में गिरावट से किसान मायूस