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कुरुक्षेत्र। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए निदेशक प्रो. मंजुला चौधरी। संवाद
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र केंद्र में ओपन हाउस डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र की निदेशक प्रो. मंजुला चौधरी रहीं। उन्होंने धर्मनगरी में सतत पर्यटन की आवश्यकताओं और चुनौतियों पर मंथन किया। सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन, पर्यटकों के नैतिक व्यवहार और स्थानीय समुदाय की भागीदारी की महत्ता के बारे में बताया। पर्यटन में स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और पर्यटन स्थल की वहन क्षमता को ध्यान में रखने की आवश्यकता के लिए सजग किया।
केंद्र की निदेशक प्रो. शुचिस्मिता शर्मा ने बताया कि केंद्र समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा वार्ता एवं खुली चर्चा का आयोजन करता रहेगा, जिससे सतत विकास और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाई जा सके। कुवि डॉ. भीमराव आंबेडकर अध्ययन केंद्र के सह-निदेशक व दिव्या कुरुक्षेत्र मिशन, विजन कुरुक्षेत्र के सचिव डॉ. प्रीतम सिंह ने वृद्धाओं के लिए स्कूल खोलने और स्वच्छता के लिए पार्क समुदाय बनाने का सुझाव दिया। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सचिव उपेंद्र सिंघल और वरिष्ठ संवाददाता विजय सभरवाल ने पर्यटकों के लिए आवास की व्यवस्था के बारे में बताया। इस मौके पर केडीबी के सदस्य डॉ. ऋषि पाल मथाना, कैप्टन परमजीत सिंह, प्रो. रवि भूषण, प्रो. एसएस बूरा, प्रो. चंद्रशेखर, सूबे सिंह सुजान, रिंकू छाबड़ा, लोकेश, डॉ. पूनम, ज्योतिमा सहित अन्य विद्यार्थी एवं शोधार्थी मौजूद रहे।
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Kurukshetra News: धर्मनगरी के सतत पर्यटन विकास के लिए किया मंथन