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कुरुक्षेत्र/पिपली। किसान एमएसपी सहित अपनी अन्य मांगों के समर्थन में तीन अक्तूबर को देश भर में सुबह 12 बजे से ढाई बजे तक रेलवे ट्रैक जाम करेंगे। इसके साथ ही किसानों का अन्य जगहों पर भी आंदोलन जारी रहेगा। यही नहीं किसान हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा व कांग्रेस के नेताओं से अपनी मांगों को लेकर सीधे सवाल भी करेंगे।
ये फैसला रविवार को पिपली अनाजमंडी में हुई किसान महापंचायत में किया गया, जिसे मुख्य तौर पर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव एवं किसान आंदोलन टू के रणनीतिकार रहे सरवन सिंह पंढेर के अलावा जगजीत सिंह ढल्लेवाल तथा राजस्थान के किसान नेता रणजीत सिंह राजू ने संबोधित किया। महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व आसपास के हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए, जहां किसान आंदोलन व आगामी रणनीति पर भी करीब चार घंटे तक मंथन किया गया। महापंचायत में किसानों के निशाने पर खास तौर पर भाजपा सरकार रही और कहा कि किए गए वादे भी पूरे नहीं किए गए, जिसके चलते किसानों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। एलान किया गया कि किसानों का आंदोलन अब कमजोर नहीं बल्कि अधिक मजबूती से आगे बढ़ेगा। किसान नेताओं ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि अब सीधे सवाल करने का समय आ गया है। एक-एक सवाल का जवाब लेंगे तो खास तौर पर भाजपा के नेताओं के लिए लोकसभा चुनाव की तर्ज पर चुनौती खड़ी कर देंगे।
जिस दिन ठान लिया उस दिन दिल्ली जाकर रहेंगे : पंढेर
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि देश किसी एक शासित पार्टी की मनमानी से नहीं चल सकता। यह देश किसान-मजदूर का है और उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता। सरकार पंजाब बार्डर पर किसानों को रोककर बड़ा कार्य करने का दम भर रही है लेकिन यह भी तय है कि जिस दिन किसान व मजदूरों ने तय कर लिया तो वे दिल्ली जाकर ही रहेंगे। दिल्ली व चंडीगढ़ में बैठे राजनेता उन्हें किसी भी स्तर पर रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि और ज्यादा मजबूत हो रहा है। किसान आज भी शुभकरण की मौत व लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को भूले नहीं है। अब हरियाणा के किसानों को गांव-गांव जाकर जागरूक किया जाएगा ताकि वे वोट के लिए आने वाले नेताओं से सवाल कर सकें।
आंदोलन जीत कर रहेंगे, हर कुर्बानी देने को तैयार : ढल्लेवाल
किसान नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल ने कहा कि आंदोलन किसानों की जायज मांगों को लेकर चलाया जा रहा है। अब यह आंदोलन कमजोर नहीं पड़ने देंगे बल्कि इसे जीत कर रहेंगे। भले ही इसके लिए कितनी ही और कुर्बानी देनी पड़े। उन्होंने कहा कि देश में दो बार सर्वे कराया जा चुका है। पहली बार में 65 तो दूसरी बार में 87 फीसदी लोगों ने माना है कि उनकी मांगें जायज है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ये मांगें नहीं मान रही।
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Kurukshetra News: तीन अक्तूबर को किसान देश भर में ढाई घंटे के लिए करेंगे रेल ट्रैक जाम