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कुरुक्षेत्र। सरकारी खरीद शुरू होने के 10 दिन बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है। खरीद व उठान तेज न हो पाने के चलते अनाजमंडियों के हालात बिगड़ रहे हैं। 60 लाख क्विंटल से ज्यादा धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है लेकिन प्रशासन खरीद और न ही उठान की व्यवस्था बेहतर कर पा रहा है। इससे न केवल किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बल्कि उसे बड़े नुकसान की चिंता भी सता रही है। पिछले तीन दिन से धान खरीद नहीं हो पा रही है। जहां शुक्रवार को भी बेहद कम धान की खरीद हुई थी तो शनिवार को मतदान के चलते खरीद व उठान कार्य ठप रहा। रविवार को भी छुट्टी रही, जिसके चलते खरीद नहीं हो पाई। पहले से ही बिगड़ चुके हालात लगातार तीन दिन तक खरीद न हो पाने के चलते और ज्यादा बिगड़ गए हैं।
हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि खरीद व उठान कार्य जल्द सुचारू हो जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि जिले की 22 अनाजमंडियों में से छह से ज्यादा मंडियों में आज तक खरीद शुरू ही नहीं हो पाई। वहीं खरीद किए गए धान में से उठान भी महज 24 फीसदी तक ही हो पाया है। 27 सितंबर से सरकारी तौर पर धान खरीद शुरू हुई थी लेकिन आज तक मिलर्स की हड़ताल के चलते व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई। मिलर्स को दरकिनार कर एजेंसियां खरीद कर रही है तो अपने स्तर पर उठान कराया जा रहा है लेकिन यह व्यवस्था लगातार तेज होते सीजन के समक्ष टिक नहीं पा रही है। विभिन्न मंडियों के आढ़ती भी गहरी आपत्ति जता चुके हैं।
पिछले साल से 40 लाख क्विंटल कम हुई अब तक खरीद
बता दें कि पिछले साल पांच अक्तूबर तक ही 41 लाख 55 हजार 760 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी थी। यहां तक कि पांच अक्तूबर के दिन भी 45 हजार 390 क्विंटल धान खरीदा गया था। इस बार पांच अक्तूबर तक महज चार लाख एक हजार 550 क्विंटल धान की खरीद की जा सकी है जबकि इस दिन खरीद शून्य रही।
आढ़ती खरीद करवाने को तैयार नहीं
जिले की अनाजमंडियों में अधिकतर आढ़ती खरीद कार्य करवाने से पीछे हट चुके हैं। उनका कहना है कि अधिकारी खरीद कर चले जाएंगे और उठान न हुआ तो बारिश व अन्य कारणों से होने वाला नुकसान उन्हें झेलना पड़ेगा। प्रशासन के पास उठान किए धान को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और ऐसे में जो खरीद किया जा चुका है उसका भी उठान नहीं हो पा रहा। ऐसे में आढ़ती खरीद कार्य कैसे करवा सकते हैं।
थानेसर अनाजमंडी में ही करीब पांच लाख क्विंटल धान : दौलत
अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन प्रधान दौलत राम बंसल का कहना है कि थानेसर अनाजमंडी में ही वर्तमान समय में करीब पांच लाख क्विंटल धान पड़ा है। महज कुछ ढेरियां ही अधिकारी खरीद कर पा रहे हैं। अधिकतर आढ़ती साथ में उठान की मांग को लेकर फिलहाल आगे नहीं आ पा रहे और अधिकारियों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। अनाजमंडी पूरी तरह से धान से अट चुकी है। यहां तक कि ब्रह्मसरोवर के आसपास भी बड़ी मात्रा में धान डाला जा चुका है। मौसम बदला तो खुले आसमान के नीचे पड़े इस धान में नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
सोमवार को दिखेगी खरीद में तेजी : सुरेंद्र
जिला खाद् एवं पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र सैनी का कहना है कि सोमवार से धान खरीद व उठान के कार्य में तेजी दिखाई देगी। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि किसानों को परेशानी न आने दी जाए। आढ़तियों से भी सहयोग करने के लिए आग्रह किया जा चुका है।
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Kurukshetra News: खुले आसमान के नीचे पड़ा 60 लाख क्विंटल से ज्यादा धान, बिगड़े मंडियों के हालात