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पिपली। श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए कथा वाचक अनिल शास्त्री। संवाद
पिपली। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर श्री गो गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में सेक्टर-तीन में चल रही भागवत कथा में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह से पहले का प्रसंग सुनाया गया। श्रद्धालुओं ने इस प्रसंग में का खूब आनंद लिया। कथा वाचक अनिल शास्त्री ने बताया कि विदर्भ राज्य के राजा भीष्मक का बेटा रुक्मी और पुत्री रुक्मिणी थीं। राजा भीष्मक अपनी पुत्री से बहुत प्रेम करते थे। उनके विवाह के लिए योग्य वर की तलाश में थे। इस विषय में राजा भीष्मक के सबसे करीबी मित्र एवं मगध राज्य के नरेश जरासंध को भी पता था। जरासंध को उस वक्त का शक्तिशाली राजा माना जाता था। जरासंध देवी रुक्मिणी को अपनी पुत्री जैसा ही मानते थे। इसलिए वह खुद भी रुक्मिणी के लिए योग्य वर की तलाश में थे, मगर रुक्मिणी के मन में शुरू से ही भगवान श्रीकृष्ण की छवि बसी हुई थी।
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Kurukshetra News: कथा में सुनाया देवी रुक्मिणी और श्री कृष्ण के विवाह से पहले का प्रसंग

